Monthly Archives: March, 2021
राजस्थानः जहाँ पग-पग पर इतिहास, कला और संस्कृति का गौरव झलकता है
दादू पंथ के प्रवर्तक दादूदयाल की कर्मस्थली राजस्थान रहा और उनकी समाधि जयपुर के निकट नारायणा नामक स्थान पर स्थित है। भारत का एकमात्र विभीषण मन्दिर कोटा के
राजस्थानी काव्यांजलि” में कविता पाठ एवँ कवियों का सम्मान
विश्व जल दिवस को समर्पित जितेन्द्र निर्मोही द्वारा लिखित पुस्तक “ नीर की पीर” ( ध्वनि नाटक) का लोकार्पण किया गया डा. दीपक कुमार श्रीवास्तव ने
हर बालक हो महाकाल-सा, बेटी स्वयं भवानी हो- हिमांशु हिन्द
ज्ञात हो कि मातृभाषा उन्नयन संस्थान का ध्येय हिन्दी का प्रचार-प्रसार कर राष्ट्र जागरण करना है और मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी भी इसी लक्ष्य के साथ आगे बढ़ी है।
विश्व कविता दिवस की संध्या पर प्रवासी साहित्य मुंबई द्वारा कविगोष्ठी का आयोजन
कार्यक्रम का संचालन मुंबई की मैत्रेयी कामिला पारमिता षड़ंगी ने किया। कार्यक्रम की शुरुआत में नन्हीं बच्ची आराध्या के मंत्र
डाक विभाग द्वारा युवाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय पत्र लेखन प्रतियोगिता 2021 का आयोजन
अपने अनुभव जिसेअपने परिवार के किसी एक सदस्य को संबोधित करते हुए पत्र लिखें। 15 वर्ष तकके स्कूली बच्चे इस प्रतियोगिता के अंतर्गत 31 मार्च, 2021 तक लेखनप्रतियोगिता में हिस्सा ले
विश्व जल दिवस पर विशेषज्ञों ने पानी और जलवायु परिवर्तन से संबंधित समस्याओं को रेखांकित किया
डॉ. गुप्ता ने कहा कि इस तरह की समस्याओं से निपटने के प्रयास में, डीएसटी के जलवायु परिवर्तन कार्यक्रम ने 1500 शोध पेपर तैयार किए हैं,
फटी जींस की फटा-फट डॉ. कविता वाचक्नवी
वर्ष 2002 में पण्डित विद्यानिवास मिश्र जी के साथ लगभग 2 घण्टे से अधिक समय मैंने बहुत गम्भीर बातचीत करते हुए बिताया था, जिसे पश्चात् 'हिन्दुस्तानी एकेडमी, प्रयागराज' ने विद्यानिवास जी पर केन्द्रित एक विशेषाङ्क में प्रकाशित भी किया।
विद्वान और विद्यावान में अन्तर
विद्वान व विद्यावान में अंतर समझना हो तो हनुमान जी व रावण के चरित्र के अंतर को समझना पडे़गा* | आइए शुरू करते हैं श्री हनुमान चालीसा से | तुलसी दास जी ने हनुमान को विद्यावान कहा , विद्वान नहीं|
मोह का अर्थ क्या होता है?
मोह का अर्थ होता है मेरा, ममत्व; जो मुझे मिल गया है, वह छूट न जाए। लोभ का क्या अर्थ होता है? लोभ का अर्थ होता है. जो मुझे अभी नहीं मिला है, वह मिले। और मोह का अर्थ होता है. जो मुझे मिल गया है, वह मेरे पास टिके। ये दोनों एक ही पक्षी के दो पंख हैं। उस पक्षी का नाम है तृष्णा, वासना, कामना।
60 हजार से कारोबार शुरु किया 16 करोड़ तक पहुँच गया
भाव्या कौशल - 0
अंकुश बताते हैं, “2012 में जब मैं न्यूयॉर्क में रह रहा था तो मेरे घर पर एक पार्टी थी। मैं मेहमानों को फ्रेंच फ्राइज परोसने के लिए नए-नए तरीके सोच रहा था। तभी मुझे बीकर मिले,