Sunday, April 28, 2024
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Monthly Archives: December, 2021

प्रगाढ़ है भारत और रूस की मित्रता

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि बीते साल भारत और रूस के व्यापार में 17 फीसदी की गिरावट आई थी पर इस साल के शुरू के नौ महीने में व्यापार में 38 फीसदी की वृद्धि हो चुकी है।

बिना पैसे के 20,000 किलोमीटर साइकिल चलाकर भारत भ्रमण कर लिया

वे बताते हैं, “बेलगाम में, एकल माताओं और तलाकशुदा लोगों का एक समुदाय है। हमने उन्हें लकड़ी का काम सिखाया ताकि वे चॉपिंग बोर्ड बना सकें,

बोरीवली खेल महोत्सव का शानदार समापन

बोरीवली स्पोर्ट्स फेस्टिवल में विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं जैसे मैराथन, फुटबॉल, कैरम, मल्लखंब क्रिकेट, वॉलीबॉल स्केटिंग, ताइकंडू, बॉक्सिंग, जूडो, कराटे, स्वोर्डप्ले किक बॉक्सिंग, मैराथन, साइकिलिंग, साइकिल मैराथन और रनिंग मैराथन आदि

रोहिंग्याओं ने फेसबुक से मांगे 11 लाख 30 हजार करोड़ रुपए

बता दें कि साल 2018 में खुद फेसबुक ने भी इस मामले के संबंध में स्वीकार किया था कि उसने रोहिंग्याओं के खिलाफ हिंसा और हेट स्पीच को रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए।

आज के युग में “अहं ब्रह्मास्मि” की अनिवार्यता

सबसे कठिन काम है अपने मन और अहंकार को नियंत्रित करना। संसार के सभी संघर्ष मन से शुरू होते हैं और इसका कारण अहंकार है। अहंकार मन में कई अवांछित गड़बड़ी पैदा करता है,

प्राचीन ग्रंथों में गणित पढ़ाने के तौर तरीके बहुत रोचक थे

हमारे यहां जगत के संदर्भ में विचार करते समय दो प्रकार के चिंतक हुए। एक इति और दूसरा नेति। इति यानी पूर्णता के बारे में कहने वाले। नेति यानी शून्यता के बारे में कहने वाले।

फिनलैंड का सिनेमा

मरमंस्क पहुंच कर लौरा पाती है कि लियोहा गायब है। खराब मौसम के कारण कोई भी उसे उस दुर्गम इलाकों में ले जाने को राजी नहीं होता जहां खुदाई में पुराने पेट्रोग्लिफ्स मिले हैं।निराशा से भरी हुई एक रात में लौरा के होटल में लियोहा आता है

सामाजिक बाह्य-आंतरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक फ़िल्म ‘जय भीम’?

ध्यातव्य है कि यह हमारे सामाजिक ताने-बाने (सोशल फैब्रिक) को ध्वस्त करने की पूरी क्षमता रखती है। इस फ़िल्म में अतीत की एक करुण घटना को तीव्र अतिरंजना में चित्रित किया गया है।

इस्लाम छोड़कर हिंदू बने वसीम रिजवी, जितेंद्र नारायण नाम से यति नरसिंहानंद ने कराई ‘घर वापसी’

वसीम रिजवी अपनी वसीयत में लिख चुके हैं कि मरने के बाद उन्हें दफनाने की बजाय हिंदू रीति-रिवाजों से उनका अंतिम संस्कार किया जाए। हालांकि मुस्लिम समुदाय का कहना है कि इसका इस्लाम

महाकाल मंदिर के गर्भगृह में महिलाओं को बगैर साड़ी के और पुरुषों को बगैर धोती के नहीं मिलेगा प्रवेश

गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति भले मिल गई हो लेकिन कुछ प्रतिबंध अब भी बरकरार रहेंगे। मंदिर के गर्भगृह में किसी भी प्रकार का पूजन, अभिषेक, आरती इत्यादि किया जाना तथा दूध, फूल-प्रसाद या किसी भी प्रकार की पूजन सामग्री ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा।
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