Yearly Archives: 2021
सिखों और हिंदुओं को बाँटने की वो साजिश जो अंग्रेजों ने रची
इस्लामिक कट्टरपंथी भी सिक्खों को बरगलाने में लग गए हैं।यही कारण है कि हमें योगराज सिंह जैसे दलाल प्रवृत्ति के लोगों के बयान सुनने को मिल रहे हैं।
भारतीय रेल में हो रहे हैं क्रांतिकारी बदलाव
भारत में पहली यात्री गाड़ी की शुरुआत 15 अगस्त 1854 को कोलकता में हावड़ा एवं हुगली की बीच 24 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए हुई थी। भारत में 166 साल के रेल्वे के
आधुनिक बोध कथाः गांधी और नेहरू का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान
दादाजी कहते थे कि यह जो महात्मा गांधी रोड, नेहरू युनिवर्सिटी इंदिरा एयरपोर्ट और ऐसे अनेकों जगह नेहरू गांधी का नाम देखते हो वह उन कुत्तों के द्वारा बनाए पैरों के निशान हैं,
आयुर्वेद में वर्णित स्वर्ण (सोना) बनाने की कला
इसलिए मूर्ख हिंदू उसको जाति का पिता कहते हैं किताब में हमको महापुरुष कहा जाता है और बचपन में विद्यालय में पढ़ाया जाता है जिसका ज्ञान नहीं होता है वह फिर महापुरुष कैसे बन जाता
मूकनायक’ ने समाज को जगाने का काम किया : रामदास आठवले
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल ने कहा कि समेकित भारत बनाने की दृष्टि बाबा साहेब की पत्रकारिता में परिलक्षित होती है।
किसान की आमदनी बढ़ाने,हर खेत को पानी पहुंचाने के प्रयास होंगे-श्री बिरला
उन्होंने कहा कि बूंदी बहुत प्राचीन शहर है और इसका अपना इतिहास रहा है। यहां की पुरातत्व संपत्तियां, संस्कृति व संस्कार हाडौती को नई कल्चर और दिशा देती है।
मुंबई सेंट्रल में कोचिंग डिपो स्वचालित कोच वॉशिंग प्लांट लगा
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, इस संयंत्र में एक प्री-वैट स्टेशन, 4 वर्टिकल ब्रशिंग इकाइयाँ, फिक्स्ड डिस्क ब्रशेज़ का एक सेट
यात्रा: पेशावर काण्ड के अमर सेनानी के गांव की- चौथा भाग
प्रेम रावत - 0
एक वृक्ष जो 50 साल तक जीवित रहता है वह 5 लाख 30 हज़ार वृक्षों के बराबर ऑक्सीजन पैदा करता है, 6 लाख 40 हजार रुपये के मूल्य के बराबर जमीन को उपजाऊ बनाता है
भारत और भारतवासियों की अपराजेय दृढ़ता, जीवटता एवं संघर्षशीलता का वर्ष
प्रणय कुमार - 0
मानव-सभ्यता के इतिहास की सबसे भयावह महामारियों में से एक कोविड के विरुद्ध भारत का यह साहसिक संघर्ष इतिहास के पृष्ठों में स्वर्णाक्षरों में अंकित होने योग्य है।
प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए मध्य भारत प्रांत में 2000 महिलाएं रहेंगी पूर्णकालिक भूमिका में
महिला बैठकों का दौर चल रही हैं। शहर और कस्बे स्तर पर महिलाओं के बीच काम शुरू हो चुका है, अब से ग्रामीण क्षेत्रों तक छोटी-छोटी टोलियां और बनाने की महिलाओं की अलग से