मुंबई। कोलाबा-बांद्रे-सीप्ज मेट्रो -3 परियोजना, जो मुंबईकरों को ट्रैफिक जाम से राहत देगी, अभी तक विभिन्न कारणों से शुरू नहीं हुई है। मुंबई मेट्रो 3 के तहत आरे कॉलोनी में कार शेड के खिलाफ किए गए दावे पर 3.81 करोड़ खर्च करने की जानमारी मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली दी है। सबसे ज्यादा राशि महाराष्ट्र के पूर्व महाधिवक्ता एड आशुतोष कुंभकोनी को दी गई है।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने 21 नवंबर 2022 को मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड से मुंबई मेट्रो 3 मुकदमे में हुए खर्च के संबंध में विभिन्न जानकारी मांगी थी। अनिल गलगली ने 24 जनवरी, 2023 को वह जानकारी देने से इनकार करने के बाद पहली अपील दायर की। प्रथम अपीलीय अधिकारी आर रमन्ना के आदेश के बाद अनिल गलगली को पिछले 7 साल से उपलब्ध जानकारी दी गयी है।
30 दिसंबर 2015 से 9 जनवरी 2023 तक इन 7 साल में मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने कुल 31 करोड़ 81 लाख 92 हजार 613 रुपये अदालती दावों पर खर्च किए हैं। महाराष्ट्राचे तत्कालीन महाधिवक्ता एड आशुतोष कुंभकोनी को 1.13 करोड, एड अस्पी चिनोय को 83.19 लाख, एड किरण भागलिया को 77.33 लाख, एड तुषार मेहता को 26.40 लाख, एड मनिंदर सिंह को 21.23 लाख, एड रुक्मिणी बोबडे को 7 लाख, चितले एन्ड चितले को 6.99 लाख, एड शार्दूल सिंह को 5.81 लाख, एड अतुल चितले को 3.30 लाख, एड जी डब्लू मत्तोस को 1.77 लाख दिए गए है। मेट्रो कार शेड के तहत दर्ज मुकदमे में मेट्रो 3 ने वकीलों को फीस के रुप में भुगतान किया है।
अनिल गलगली के अनुसार, अदालती खर्च तो अपेक्षित है लेकिन यह जांचना आवश्यक है कि विशेष रूप से वकीलों को दी जाने वाली अतिरिक्त फीस न्यायोचित है या नहीं है।