भले ही महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना परीक्षण की दरें तय कर दी हैं, फिर भी नागरिकों को लूटा जा रहा है। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कोरोना टेस्टिंग के लिए 4,000 रुपये का शुल्क वसुलनेवाले लालबाग फ्रेंड्स सर्कल चैरिटेबल ट्रस्ट के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, मुख्य सचिव अजॉय मेहता और प्रमुख सचिव डॉ प्रदीप व्यास को लिखे एक पत्र में कहा है कि महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना परीक्षण दर तय करने के बावजूद नागरिकों की लूट जारी है। लालबाग फ्रेंड सर्कल चैरिटेबल ट्रस्ट ने सरकार के फैसले के खिलाफ 4,000 रुपये का टेस्टिंग शुल्क लगाया है। जबकि खास बात है कि 4,000 रुपये चार्ज करने के बाद भी परीक्षण नहीं किया गया।
अनिल गलगली के अनुसार, ऐसे संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई करने से नागरिकों को राहत मिलेगी और लूटपाट करने वाले संस्थानों और निजी प्रयोगशालाओं पर दबाव बनेगा।