भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने माल परिवहन पर फ्यूल सरचार्ज लगाने में गलत तरीका अपनाने के लिए तीन एयरलाइन कंपनियों पर 54 करोड़ का बड़ा जुर्माना लगाया है। सीसीआई ने जेट एयरवेज, इंटरग्लोब एविएशन और स्पाइजेट पर ठोका है।
पिछले तीन साल में ऐसे दूसरी बार हुआ है, जब फ्यूल सरचार्ज लगाने में एयरलाइन कंपनियों ने गलत तरीका अपनाया और सीसीआई ने इस तरह की कार्रवाई की है। अपने आदेश के साथ सीसीआई ने एय़रलाइन कंपनियों को कहा कि वो इस तरह की गलत प्रतिस्पर्धा से जुड़ी गतिविधियों से बचें। सीसीआई ने जेट एयरवेज पर सबसे ज्यादा 39.81 करोड़ का जुर्माना लगाया है। जबकि इंटरग्लोब पर 9.45 करोड़ और स्पाइसजेट पर 5.10 करोड़ रुपए बतौर जुर्माना लगाया गया है। इंटरग्लोब किफायती एयरलाइन इंडिगो की पेरेंट कंपनी है। अभी तक इन एयरलाइंस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
पिछले तीन वर्षों 2010-11, 2011-12 और 2012-13 के दौरान एयरलाइन कंपनियों द्वारा माल परिवहन पर वसूले गए फ्यूल सरचार्ज पर तीन फीसद जुर्माना लगाया गया है। सीसीआई ने कहा कि,’फ्यूल सरचार्ज तय करने और संशोधित करने पर ठोस कार्रवाई के तौर पर एयरलाइनों पर जुर्माना लगाया गया है।’ हालांकि इस बार 2015 के मुकाबले कम जुर्माना लगाया गया है। उस समय इन पर 259 करोड़ का कुल जुर्माना लगाया गया था। इस समय नवंबर 2015 में कंपटीशन अपीलेट ट्रिब्यूनल ने आदेश रोक दिया था और मामला वापस सीसीआई के पास भेज दिया था।
सीसीआई ने 42 पेज के अपने ताजा आदेश में कहा कि एयरलाइन कंपनियों द्वारा फ्यूल सरचार्ज के नाम पर अत्यधिक शुल्क वसूला जाना मुख्य चिंता का बिंदु है। इससे उपभोक्ताओं पर बुरा असर पड़ा है। उसने कहा है कि बाजार के विकास के लिए आवश्यक है कि इस तरह के कार्टेल खत्म हों और एयरलाइंस के शुल्क निर्धारण में ज्यादा पारदर्शिता बरती जाए।