पुणे। 6 साल की एक मासूम, जिसके दिल में छेद। परिजनों के पास इतने पैसे नहीं की वो उसका इलाज करा सकें। घर की ऐसे हालात की दवाई लाने ने लिए महज 90 रुपए में साइकिल बेचनी। लेकिन एक खत ने उस लड़की और उसके परिजनों की जिंदगी बदल दी। यह खत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा गया था। पुणे की रहने वाली वैशाली यादव ने प्रधानमंत्री को लिखा कि मोदी सरकार माला मदद पाहिजेश। उसके अपने स्कूल के आइडेंटिटी कार्ड के साथ मोदी को खत लिखा और पांच दिन बाद उसका जवाब आया। अब वैशाली की मुफ्त में सर्जरी हो चुकी है।
हदप्सर की रहने वाली वैशाली फुरसुंगी के प्रदन्या शिशु विहार स्कूल में पढ़ती है। उसके दिल में छेद है। परिवार के पास बीपीएस श्रेणी के कागज भी नहीं थे, ऐसे में वह बीपीएल के लिए चलाई जा रही सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ भी नहीं ले पास रहे थे। घर के हालात ऐसे नहीं थे कि पुणे के किसी अस्पताल में उसका इलाज कराया जा सके। वैशाली अपने चाचा के साथ रहती है। एक बार तो वैशाली की दवाई लाने के लिए महज 90 रुपए में उसकी साइकिल बेचनी पड़ी। वैशाली के चाचा पेशे से पेंटर हैं।
वैशाली ने बताया कि ऐसी स्थिति में मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हमारी मदद करने के लिए खत लिखने का फैसला किया। हमारे पास रहने का भी कोई ठिकाना नहीं था, ऐसे में स्कूल के आईडेंडटिडी कार्ड को पत्र के साथ में लगा दिया गया। मैंने अपनी नोटबुक से एक पेज फाड़ा और दिल की बीमारी से लेकर गरीबी तक सारी बातें प्रधानमंत्री को लिख डालीं। पांच दिन बाद स्कूल से कुछ लोग आए और उन्होंने बताया कि डीएम और सीएमओ ने उन्हें बुलाया है। बता दें कि पीएमओ ने साथ ही जिलाधिकारी को एक पत्र भेजा, जिसमें लिखा था कि वह पुणे के हॉस्पिटल्स के प्रतिनिधियों के साथ इस संबंध में एक बैठक करें। इसके बाद वैशाली की रूबी हॉल क्लिनिक में सर्जरी हुई।