मुंबई। पश्चिम रेलवे विभिन्न स्तरों पर माल यातायात को बढ़ावा देने और नये माल ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए अपने हरसम्भव बेहतरीन प्रयासों को सुनिश्चित कर रही है। इन प्रयासों का उद्देश्य माल ढुलाई राजस्व में वृद्धि के साथ ही रेलवे के माध्यम से परिवहन के लाभों के बारे में अपने ग्राहकों को जागरूक करना है। पश्चिम रेलवे ऐसा करने में उल्लेखनीय रूप से सफल रही है, जिसकी पुष्टि माल ढुलाई में हासिल समग्र राजस्व को देखकर हो रही है। पश्चिम रेलवे ने इस वित्तीय वर्ष के दौरान 21 अक्टूबर, 2020 तक पार्सल विशेष गाड़ियों और यात्रियों के लिए परिचालित विभिन्न विशेष ट्रेनों के वीपी और एसएलआर सहित समग्र पार्सल यातायात
के माध्यम से 74 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया है।
एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत120 दिनों की अग्रिम बुकिंग योजना के साथ पार्सल की बुकिंग की विशेष सुविधा दी गई है। इसके फलस्वरूप ई-कॉमर्स के ज़रिये कुल 7.5 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया है। इसी क्रम में 22 अक्टूबर, 2020 को, तीन पार्सल विशेष ट्रेनें पश्चिम रेलवे से रवाना हुईं, जिनमें बांद्रा टर्मिनस से जम्मू तवी और पोरबंदर से शालीमार के अलावा एक दूध विशेष रेक पालनपुर से हिंद टर्मिनल के लिए परिचालित की गई।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 23 मार्च से 21 अक्टूबर, 2020 तक, लगभग 1.54 लाख टन वजन वाली वस्तुओं को पश्चिम रेलवे द्वारा अपनी 621 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से ले जाया गया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से होने वाली राजस्व आय लगभग 52.08 करोड़ रु. रही है। इसके अंतर्गत पश्चिम रेलवे द्वारा 107 दुग्ध विशेष रेलगाड़ियां चलाई गईं, जिनमें 81,500 टन से अधिक भार के साथ वैगनों का 100% उपयोग सुनिश्चित किया गया।
इसी तरह, लगभग 49 हज़ार टन आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए 461 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी चलाई गईं। इनके अलावा, लगभग 23000 टन के भार के लिए 100% उपयोग के साथ 53 इंडेंटेड रेक भी चलाये गये। 22 मार्च से 21 अक्टूबर, 2020 तक लॉकडाउन की अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे पर मालगाड़ियों के 18,887 रेकों का उपयोग 40.25 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया है। 36,828 मालगाड़ियों को अन्य क्षेत्रीय रेलों के साथ जोड़ा गया, जिनमें 18,383 ट्रेनें सौंपी गईं और 18,445 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। इन मालगाड़ियों के परिचालन के फलस्वरूप पश्चिम रेलवे को इस अवधि में मिला राजस्व 5121 करोड़ रु रहा है।
लॉकडाउन के कारण यात्री ट्रेनें बंद रहने से पश्चिम रेलवे पर उपनगरीय और गैर-उपनगरीय सहित राजस्व का कुल नुकसान 3023 करोड़ रुपये रहा है, जिसमें 468 करोड़ रु. उपनगरीय खंड पर और 2555 करोड़ रु. गैर उपनगरीय खंड का नुक़सान शामिल है।इसके बावजूद, 1 मार्च से 21 अक्टूबर,2020 तक टिकटों के निरस्तीकरण के कारण, पश्चिम रेलवे ने 456 करोड़ रुपये की रिफंड राशि वापस करना सुनिश्चित किया है। उल्लेखनीय है कि इस धनवापसी राशि में, अकेले मुंबई डिवीजन ने 222 करोड़ रुपये का रिफंड भुगतान सुनिश्चित किया है। अब तक, 71 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे में अपने टिकट रद्द कर दिए हैं और तदनुसार उनकी किराया वापसी राशि प्राप्त की है।