विश्व की सबसे बड़ी श्रीमद् भगवद् गीता इन दिनों इटली के मिलान शहर में छापी जा रही है। 750 किलोग्राम की इस गीता की लंबाई 9 फीट, चौड़ाई 6 फीट और ऊंचाई 10 फीट होगी। कवर को मजबूत बनाए रखने के लिए धातु का उपयोग होगा। 670 पृष्ठों की इस किताब के पन्नों को फटने से बचाने के लिए विशेष सिंथेटिक कागज का उपयोग किया है। यह कागज पानी से गीला भी नहीं होगा। इसे गिनीज बुक में भी दर्ज किया जाएगा दो साल से किताब की छपाई चल रही है। अब तक 70 फीसदी से अधिक छपाई हो चुकी है। जल्द ही किताब की बाइंडिंग होगी। इसे समुद्री रास्ते से भारत तक लाया जाएगा। गीता की छपाई पर पर 2 लाख 20 हजार डॉलर यानी करीब 1.5 करोड़ रुपए का खर्च आने की संभावना है। पहली बार इसे भगवान कृष्ण की शिक्षास्थली उज्जैन में नवंबर 2018 में होने वाले गीता जयंती महोत्सव में श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ रखा जाएगा।
इस्कॉन में संस्थापक आचार्य श्रीमद् एसी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपादजी ने गीता पर टीका लिखी थी। उसके आधार पर यह गीता तैयार की जा रही है। इटली के मधु सेवित दासजी इसे तैयार कर रहे हैं। इटली का भक्ति वेदांत ट्रस्ट इसका प्रकाशन करेगा। इसका वजन 750 किलो होगा। इसमें 662 पेज रहेंगे। खास बात यह है कि इसकी जिल्द सोने-चांदी की होगी। इस कारण इसका वजन अधिक रहेगा।
इस्कॉन का दावा है कि यह दुनिया की सबसे बड़ी भगवद् गीता होगी। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के आग्रह पर इस्कॉन मंदिर उज्जैन पहली बार नवंबर 2018 में गीता जयंती उत्सव मनाएगा। इसमें यह दर्शनार्थ रखी जाएगी।
इस्कॉन गवर्निग बॉडी की बैठक उज्जैन में 9 अक्टूबर से शुरू होगी। इसमें इस्कॉन के दुनियाभर में चलने वाले प्रकल्पों की आगामी कार्ययोजना तैयार की जाएगी। इस्कॉन की शिक्षा-दीक्षा व संगठन के विस्तार पर भी चर्चा की जाएगी। इसके लिए दुनियाभर से 25 प्रतिनिधि उज्जैन आ रहे हैं। गवर्निग बॉडी की बैठक से पूर्व कार्यकारिणी समिति की बैठक 4 अक्टूबर से प्रारंभ हो चुकी है। इसमें 25 वरिष्ठ संन्यासी और 11 भक्त शामिल हैं। उक्त बैठकों में प्रारंभिक बिंदुओं को आकार दिया गया है।