वो सपने दिखाते हैं, हम करके दिखाते हैं। कांग्रेस के इस लाइन पर तैयार किए गए ऑडियो-वीडियो फिल्मों को चुनाव आयोग की मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) ने रिजेक्ट कर दिया है। कारण, इनमें कांग्रेस ने भाजपा व आम आदमी पार्टी पर सीधे हमला बोला था।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की ओर से शुक्रवार को एक रेडियो जिंगल समेत पांच एड फिल्म की मंजूरी के लिए आवेदन मंगाए गए थे। इसमें रेडियो जिंगल व एक एड वीडियो को मंजूरी दे दी गई मगर तीन एड फिल्म को नकार दिया गया। नकारे किए गए फिल्मों में कांग्रेस ने भाजपा व आप के प्रदेश मुखिया का भी इस्तेमाल किया था।
एड फिल्मों में कांग्रेस वोटर को यह बताने की भी कोशिश कर रही है कि भाजपा व आम आदमी पार्टी साथ-साथ हैं। चुनाव आयोग को आपत्ति इस बात की है कि एड फिल्म में सीधे पार्टी के साथ व्यक्तिगत नाम का इस्तेमाल किया गया है। साथ ही इसमें दूसरे पार्टी के सिंबल को पेश किया गया है। आयोग ने फिलहाल इन तीन एड फिल्म को रिजेक्ट करके बदलाव करने को कहा है।
क्या था रिजेक्ट होने वाली एड फिल्म में
कांग्रेस की एड फिल्म का जुमला है कि दो व्यक्ति एक का नाम विजय तो दूसरे का अरविंद है।
एक ने मैं हूं आम आदमी वाली टोपी पहन रखी है जबकि दूसरे ने बीजेपी के चुनाव चिह्न वाला पट्टा गले में डाल रखा है। दोनों के हाथ में बिजली के बिल हैं। आप के कार्यकर्ता के हाथ में दिल्ली के बढ़े हुए बिल है जबकि भाजपा के दूसरे मेट्रो शहरों का बिल है।
दोनों एक जगह मिलकर कांग्रेस की पोल खोलने की बात कर बिलों को मिलाना शुरू करते हैं। फिर पाते है दूसरे शहरों की तुलना में दिल्ली में बिजली के बिल कम हैं। फिर दोनों कहते हैं अरे दूसरे तो सपने दिखाते हैं पर कांग्रेस ने कर के दिखाया है।
यह कहकर दोनों कांग्रेस वाला पट्टा गले में डाल देते हैं। निरस्त की गई तीनों फिल्में एक जैसी थी, जबकि प्रस्तुति अलग थी।