रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने दशरथ राम मांझी के गांव गहलौर तक रेलवे लाइन पहुंचाने का वादा किया। सुरेश प्रभु ने यह बात ‘मग्ध महोत्सव’ के नाम से हुए एक कार्यक्रम में कही।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने दशरथ राम मांझी के गांव गहलौर तक रेलवे लाइन पहुंचाने का वादा किया। सुरेश प्रभु ने यह बात सोमवार (29 अगस्त) को ‘मग्ध महोत्सव’ के नाम से हुए एक कार्यक्रम में कही। इस कार्यक्रम में गया के सांसद हरी मांझी और जहानाबाद के सांसद अरुण कुमार भी मौजूद थे। सुरेश प्रभु ने कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘ मैं दो तीन दिन में आप लोगों को बात करके बता दूंगा कि यहां रेलवे लाइन लाई जा सकती है या नहीं। मैं इस बारे में मीटिंग करूंगा। रेलवे और केंद्र सरकार इसमें क्या कर सकती है इसपर विचार किया जाएगा। एक सर्वे भी किया जाएगा। मैं खुद मंत्रालय के अधिकारियों से बत करूंगा कि क्या किया जा सकता है?’ इसके साथ ही मांझी का जिक्र करते हुए सुरेश प्रभु ने उनकी तुलना भगीरथ से भी की। माना जाता है कि वह ही गंगा नदी को धरती पर लेकर आए थे। हालांकि, सरकार की तरफ गहलौर में रेलवे लाइन लाने की बात काफी पहले से कही जा रही है लेकिन अबतक कुछ नहीं हुआ है। गहलौर में एक रेलवे स्टेशन भी बनाने की बात कही गई थी जिसका नाम मांझी के नाम पर रखा जाना था।
मांझी को ‘माउंटेन मैन’ के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने अकेले के दम पर 22 साल तक मेहनत करके एक हथौड़े और छैनी की मदद से बड़ा पहाड़ काटकर रास्ता बना दिया था। इसके साथ ही 40 साल पहले वह गया से रेलवे लाइन के सहारे पैदल-पैदल दिल्ली तक आ गए थे। उनके पास टिकट के पैसे नहीं थे और वह उस वक्त की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मिलना चाहते थे। इसके साथ ही नरेंद्र मोदी भी कई मौकों पर मांझी की तारीफ कर चुके हैं। इसी साल अप्रैल में कटरा में मोदी मे मांझी को याद किया था। मोदी ने बताया था कि 1960 से 1982 के बीच मांझी ने दिन रात काम करके अपने गांव के लिए सड़क बनाई थी।
साभार- जनसत्ता से