17 सितंबर कोप्रधानमंत्री मोदी का जन्म-दिवस होता है औरतीन दिन पहले 14सितम्बर को ‘हिंदी-दिवस’ होता है।
प्रधानमंत्री मोदी कोजन्म-दिवसपरराष्ट्रपति सहित विभिन्न मंत्रियों व गणमान्य लोगों ने जन्म-दिवस की शुभ-कामनायें दीं। स्वाभाविकही है कि देश के प्रधानमंत्री का जन्म-दिवसहो तो सन्देश तोआयेंगे ही!
अब‘डिजिटल इंडिया’ है तो प्रौद्योगिकी काउपयोगभी होगा ही! राहुल गांधी ने भी ट्विटर के माध्यम सेप्रधानमंत्री को शुभ-कामनायें दीं और प्रधानमंत्री ने भी ट्विटर के माध्यम से उन्हें धन्यवाद दिया।
आज ट्विटर पर प्रधानमंत्री को अनेक संदेश प्राप्त हुए। यह बात उल्लेखनीय है कि प्राप्त संदेशों का उसी भाषा में उत्तर दिया गया जिस भाषा में मूल शुभ-कामना संदेश भेजा गया था। प्रधानमंत्री ने अंग्रेजी संदेशों का उत्तर अंग्रेज़ी व हिंदी का हिंदी में दिया।कई शुभचिंतकों ने तो शीर्षक अंग्रेज़ी में देकर साथ में संदेश हिंदी मेंसंलग्न (अटैच्ड) कियाथा लेकिन उनका उत्तर भी अंग्रेज़ी में ही दिया गया।हिंदी में संदेश भेजने वालों में राधा मोहन, नरेंद्र सिंह तोमर, कलराज व उमा भारती का नाम उल्लेखनीय है। शेष संदेश अंग्रेज़ी में भेजे गए थे।
प्रधानमंत्री ने अपने जन्म-दिवस पर अपनी माँ का आशीर्वाद लिया और कहा, “माँ की ममता, माँ का आशीर्वाद जीवन जीने की जड़ी-बूटी होता है।” यह उन्होंने ट्विटर पर भी हिंदी में लिखा है।मोदी जी शायद सांकेतिक भाषा में ‘हिंदी’ पर बल दे रहे है लेकिन उनके अधिकतरमंत्रीतो हिंदी दिवस पर भाषण देने के बाद शायद हिन्दी बिसरा बैठे हैं।
अभीतीन दिन पहले 14सितम्बर को देशभरमें‘हिंदी दिवस’ का आयोजन किया गया थालेकिन प्रधानमंत्री को भेजे गए अधिकतर सन्देश अंग्रेज़ी में होने का क्याअर्थ समझना चाहिए?
‘हिंदी दिवस’परगृहमंत्री ने संकल्पकीबातकीथी, ‘‘हिंदी लोक संपर्क की भाषा होने के साथ संस्कृति तथा जीवन मूल्यों की भाषा भी है. हमें हिंदी दिवस को संकल्प दिवस के रूप में मनाना चाहिए।”
आपने14सितम्बर को कहा था, “भाषा किसी भी राष्ट्र और समाज की आत्मा होती है, जिसमें वह देश संवाद करता है, अपनी भावाभिव्यतक्ति करता है।“
आज 17 सितम्बर को आपप्रधानमंत्री को सन्देश देते हैं, “Warm wishes to Shri @narendramodiji on his birthday today. May God bless him with good health and long life. जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।”
यदि हिंदी‘संस्कृति तथा जीवन मूल्यों की भाषा’ है तो गृहमंत्री को कौन मजबूरी आन पड़ीउपरोक्त‘खिचड़ी भाषा’ उपयोग करने की? गृहमंत्री के लगभग24शब्दों के लिखितसन्देशमें बीस शब्द अंग्रेज़ी वचार हिंदी के हैं !
गृहमंत्रीराजनाथसिंह वविदेश मंत्री सुषमा स्वराज का हिंदी पर बहुत अच्छा अधिकार होने पर भी उनका प्रधानमंत्री को अंग्रेज़ी में सन्देश भेजना,क्या सन्देश देता है?
एक बार सुषमा जी ने कहा था कि यदि कोई हिंदी में बात करता है तो मैं हिंदी में बात करती हूँ और यदि अंग्रेज़ी मेंकरता है तो मैं भी उत्तर अंग्रेज़ी में देती हूँ। इस समय जब आपको अपनी स्वेच्छा से बात करनी थी तो ‘हिंदी’ केस्थान पर ‘अंग्रेज़ी’ को वरीयता क्योकर? यहाँकैसी मजबूरी? प्रधानमंत्री तो हिंदी बोलते व समझते हैं और आप स्वयं विदुषी हैं।
प्रधानमंत्रीअहिन्दी राज्य से होकर भी हिंदी का उपयोग करते हैं और गृहमंत्री वविदेशमंत्री हिंदी राज्यों से होकर भी अंग्रेज़ी में सन्देश देते हैं।नेताओं का यह आचरण क्या हिंदी के लिए हितकारी है?