Sunday, November 24, 2024
spot_img
Homeचर्चा संगोष्ठीसब को एक रखना ही आचार्य अभिनवगुप्त जी का सन्देश – डॉ....

सब को एक रखना ही आचार्य अभिनवगुप्त जी का सन्देश – डॉ. मोहन भागवत

नई दिल्ली। आचार्य अभिनवगुप्त के अनुसार धर्म की रक्षा के लिए शास्त्र के साथ कभी-कभी शस्त्र की भी आवश्यकता पड़ती है. शस्त्र की आवश्यकता शास्त्र के अनुसार दिखाए मार्ग पर लाने के लिए पड़ती है. भारतवासियों के मन में पिछले कई दिनों से जो इच्छा थी, वो आज पूरी हो गयी. इसके लिए देश की सेना धन्यवाद की पात्र है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत ने उक्त विचार आचार्य अभिनवगुप्त की जन्म सहस्त्राब्दी के शुभ अवसर पर व्यक्त किये।

सरसंघचालक जी ने बताया कि अभिनव गुप्त की जन्म शताब्दी वर्ष मनाने का उद्देश्य यही है कि हम अपने महान आचार्यों बताए ज्ञान के प्रति श्रद्धा भाव जागृत करें. अपने आचरण तथा मन से हर प्रकार के भेद को मिटाकर एक दूसरे के प्रति करुणा का भाव जागृत करें.

आर्ट ऑफ़ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने कहा कि शास्त्र और शस्त्र दोनों से ही देश की रक्षा होती है, जो आज हमारे देश में दिख रहा है. आचार्य अभिनवगुप्त की जन्म सहस्त्राब्दी मनाने का उद्देश्य यही है कि हम उनके ज्ञान का पांडित्व अपने जीवन में उतारें. आचार्य अभिनवगुप्त जी के जीवन में जो कला, भाव, ज्ञान रचनात्मकता दिखती है, वो मनुष्य को एक शिखर पर ले जाती है. अर्थात जीवन जीने की कला सिखलाती है.

इस अवसर पर आचार्य अभिनव गुप्त के जीवन पर आधारित 5 पुस्तकों का विमोचन सरसंघचालक जी तथा श्री श्री रविशंकर जी द्वारा किया गया. इस अवसर पर जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय के तत्कालीन प्रोफेसर श्री कपिल कपूर, जम्मू कश्मीर स्टडी सेंटर के कार्यकारी अध्यक्ष पद्मश्री जवाहर लाल कौल मंचासीन रहे एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय जी, अ.भा. सह संपर्क प्रमुख श्री अरुण कुमार जी, दिल्ली प्रान्त संघचालक श्री कुलभूषण आहूजा, एवं सह संघचालक श्री आलोक कुमार जी उपस्थित थे.

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -

वार त्यौहार