अगर आप फेसबुक या ट्विटर जैसी सोशल मीडिया साइट्स पर अपनी भावनाएं जाहिर करने में कतराते रहे हैं और वो भी सिर्फ इसलिए कि कहीं कोई आप पर मानहानि का मुकदमा ना कर दे, तो अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि हाल ही में सोशल मीडिया पर किए गए किसी भी कॉमेंट के लिए एक इंश्योरेंस पॉलिसी आ गई है। आपको बता दें कि बजाज आलियांस ने ऐसी इंश्योरेंस पॉलिसी तैयार की है जो सोशल मीडिया पर की गई किसी भी ऐक्टिविटी से उठने वाली थर्ड पार्टी लायबिलिटी को कवर करेगी।
बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के मैनेजिंग डायरेक्टर तपन सिंघल ने कहा, ‘अगर कोई सोशल मीडिया वेबसाइट पर की गई किसी पोस्ट या कन्वर्सेशन के कारण मुकदमे का सामना करता है और उसे हर्जाना देना पड़ता है तो ऐसी स्थिति में साइबर इंश्योरेंस पॉलिसी प्रॉडक्ट पूरे हर्जाने को वहन करेगा।’
कंपनी व्यक्तिगत साइबर कवर पॉलिसी भी तैयार कर रही है जो कॉर्पोरेट के लिए तैयार की गई वर्तमान इंश्योरेंस कवर जैसा ही होगा। इंश्योरेंस कंपनियां बाजार में ऐसी व्यक्तिगत साइबर इंश्योरेंस पॉलिसी की मांग देख रही हैं जिसमें लोगों की प्रतिष्ठा, डेटा और निजी, वित्तीय और संवेदनशील जानकारी चुराए जाने की स्थिति में कवर देगी। सिंघल ने कहा कि बढ़ते इंटरनेट यूजर्स और ऑनलाइन ट्रान्जैक्शन के कारण निजी जानकारियां सोशल मीडिया और ईकॉमर्स साइटों पर उपलब्ध हैं। व्यक्तिगत साइबर इंश्योरेंस फिशिंग, आइडेंटिटी थेफ्ट, साइबर स्टॉकिंग, उत्पीड़न और बैंक अकाउंट हैकिंग जैसे रिस्क पर कवर देगी।
वर्तमान में, ज्यादातर साइबर इंश्योरेंस प्रॉडक्ट आईटी फर्म, बैंक, ईकॉमर्स और फार्मास्युटिकल कंपनियों को बेचे जाते हैं। यह कॉर्पोरेट्स को निजता और डेटा चोरी, नेटवर्क सिक्यॉरिटी क्लेम और मीडिया लायबिलिटी पर कवर देती हैं। भारत में यह प्रॉडक्ट पिछले तीन साल से उपलब्ध है और इनको खरीदने वाले कॉर्पोरेट्स की संख्या में इजाफा हो रहा है। एक अनुमान के मुताबिक, भारत में इस समय लगभग 500 ऐक्टिव साइबर कवर पॉलिसी हैं। साइबर इंश्योरेंस का मार्केट लगभग 1,000 करोड़ रुपये का है। यह लायबिलिटी मार्केट का लगभग 7 से 10 पर्सेंट है। इंश्योरेंस कंपनियों का मानना है कि आने वाले तीन सालों में इंश्योरेंस लाइबिलिटी का कुल लाइबिलिटी मार्केट में शेयर और बढ़ेगा।