राजनांदगांव। "युवा वर्ग में रोजगार मार्गदर्शन की ललक और जरूरत निरंतर बढ़ती जा रही है। सही समय और जीवन के सही मोड़ पर उन्हें कॅरियर की सही दिशा मिल जाने से उनकी शक्ति, क्षमता और संभावना को बल मिलता है। इससे उनमें आत्मविश्वास बढ़ता हैं और वे अपनी मंज़िल हासिल करने की हरसंभव कोशिश में जुट जाते हैं। समय,श्रम और साधनों का सदुपयोग कर वे सफलता के अधिकारी बनते हैं।"
शासकीय दिग्विजय स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय के रोजगार मार्गदर्शन कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ.आर.एन.सिंह ने उक्ताशय के उदगार व्यक्त किए। महाविद्यालय में तीन दिन तक सभी संकायों के विभिन्न विभागों में, रोजगार आधारित व्याख्यान और मार्गदर्शन का क्रम चला जिसमें स्नातकोत्तर स्तर के ऐसे छात्र-छात्राओं को लाभ मिला जिन्हें अपनी पढ़ाई और परीक्षा के बाद अब आगे की राह तय करनी है। प्राचार्य डॉ.सिंह ने विद्यार्थियों को सलाह दी कि वे आमंत्रित विशेषज्ञों के साथ-साथ अनुभवी प्राध्यापकों, योग्य मित्रों, सफल छात्रों और अभिभावकों के तज़ुर्बे का भी लाभ उठायें। ख़ास तौर पर उन्होंने कहा कि विद्यार्थी इस मार्गदर्शन कार्यक्रम के निष्कर्षों को अपने विवेक के साथ अपनाएंगे तो उन्हें कामयाबी ज़रूर मिलेगी।
उक्त जानकारी देते हुए महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ.चन्द्रकुमार जैन बताया कि अध्ययन के बाद व्यावहारिक जीवन में अपनी पहचान और स्थान बनाने के मद्देनज़र,आमंत्रित विषय विशेषज्ञ भिलाई के डॉ.संतोष राय, श्रीमती निहारिका राय,श्री पी.के.तिवारी, श्री राहुल गेडाम, श्री विनोद पटेल और महानदी कैरियर अकादमी के प्रमुख श्री संजय जैन ने अत्यंत उपयोगी और प्रायोगिक जानकारी दी। लोक सेवा आयोग और संघ लोक सेवा आयोग की परियोगी परीक्षाओं को ख़ास तौर पर ध्यान में रखते हुए प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा कॅरियर के अनेक नए क्षेत्रों और विकल्पों पर भी चर्चा की गई। यह आयोजन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के विशेष सौजन्य से किया गया। इसमें उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अधिक से अधिक रोजगारमूलक दिशा निर्देशन की मूल की भावना का समावेश भी किया गया।
डॉ.जैन ने आगे बताया कि अतिथि वक्ताओं और मार्गदर्शकों ने कला, वाणिज्य और विज्ञान के पीजी विद्यार्थियों को परीक्षा के स्वरूप, कोर्स, प्रश्न पत्र, निर्धारित समय, विषयवार उपयोगी स्तरीय किताब, नेट और अन्य स्रोतों पर उपलब्ध कारगर जानकारी, प्रभावी कोचिंग सहित तैयारी के सटीक तौर तरीके को सुलझे हुए अंदाज़ में समझाया। विशेषज्ञों ने गत वर्षों के प्रश्न पत्रों को हल करते समय कोर्स को लेकर अपडेट और अलर्ट रहने पर भी जोर दिया ताकि प्रतियोगी को कोई नुक्सान न हो। विद्यार्थियों को परीक्षा के दौरान हल किये जाने वाले विवरणात्मक पर्चों के अलावा माइनस मार्किन वाले प्रश्न पत्रों और ओएमआर शीट पर उत्तर दर्ज़ करने या ऑनलाइन पर्चे हल करने के गुर भी बारीकी से समझाए गए ताकि उनकी मेहनत व्यर्थ न जाए।
रोजगार मार्गदर्शन का यह तीन दिवसीय आयोजन विभागाध्यक्षों और प्राध्यापकों के सहयोग से स्मरणीय बन गया। विद्यार्थियों ने विशेषज्ञों से खुलकर प्रश्न किये। शंकाओं का समाधान हासिल किया और माना कि इससे उनमें नई उमंग के साथ कुछ नया और बेहतर कर दिखाने का उत्साह संचरित हुआ है।
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