*ये कहानी प्यार में बर्बाद नहीं आबाद होना सिखाएगी
*जो सच्चा प्यार करते है वो सदा प्यार की यादों में जीते हैं।
फैज़ाबाद।वो प्यार..जो दूर जाने के बाद भी दिल के पास रहता है..जुदा होने के बाद भी हर पल याद आता है,वही तो होता है सच्चा प्यार..! प्यार में अपनी जान देना तो बहुत आसान है,मुश्किल तो उस प्यार की यादों संग जिन्दा रहने में है। जो सच्चा प्यार करते है वो हमेशा अपने प्यार की यादों में जीते है और यकीन मानिये वो जान देने वालों से ज्यादा दर्द सहते है। ये कहानी है दो ऐसे प्यार करनेवालों की जिनको दूरी भी अलग नहीं कर पायी। फासलों ने इन्हें और करीब लाया,इन्होंने अपने प्यार की यादों को ही अपना हमनवा बनाया..आप भी पढ़िए इनकी कहानी..ये कहानी आपको प्यार में बर्बाद होना नहीं बल्कि प्यार में आबाद होना सिखाएगी। लखनऊ में जन्मी अवन्तिका चन्द्रा मूल रूप से फैज़ाबाद की निवासी है। पत्रकारिता एवं जनसंचार से बी.ए और एम.ए. अवन्तिका की लिखी हमनवा पहली किताब है। अवन्तिका बताती है की ‘हमनवा’ की कहानी दिमाग में आने से पहले,उन्होंने कभी भी लेखन के क्षेत्र मे आने का नही सोचा था। अवन्तिका राजनीतिक विषयों पर गहरी रूचि रखती है। वह देश के राजनीतिक घटनाक्रम पर अक्सर सोशल मीडिया पर अपने विचार व्यक्त करती हैं। योग,अवन्तिका के जीवन का अभिन्न अंग हैं। वह दूसरों को भी योग करने के लिए प्रेरित करती रहती हैं। इसके अलावा उन्हें क्रिकेट देखना और शतरंज खेलना बहुत पसंद है।
अवंतिका की हमनवा उपन्यास का विमोचन 26 नवंबर को फैज़ाबाद के डीएम विवेक ने किया।उन्होंने इस अवसर पर कहा कि अग्रेजिएट वातावरण में हिन्दी भाषा में लिखित इस उपन्यास की जितनी भी प्रशंसा की जाए वो कम है। आज की युवा पीढ़ी को हिन्दी भाषा क्षेत्र में किये जा रहे अमूल्य योगदान से मैं व्यक्ति रूप से खुःश हों और यह उपन्यास मील का पत्थर साबित होगी। उन्होनें 25 वर्षीय लेखिका अवन्तिका चन्द्रा के प्रयासों की सराहना की।
इस अवसर पर शहर के सहादतगंज निवासी 25 वर्षीय अवन्तिका चन्द्रा ने बताया कि उपन्यास ‘‘हमनवा‘‘ को लिखने की प्रेरणा अवन्तिका को प्रेम चन्द्र के उपन्यास को पढ़ने के बाद मिली। मैं भी हिन्दी साहित्य में अपना योगदान देना चाहती है।
अवन्तिका बताती है कि ‘‘हमनवा‘‘ उपन्यास लिखने में सबसे ज्यादा सहयोग उनकी माता सुमन चन्द्रा ने किया है। उनके आर्शीवाद के चलते ही पुस्तक प्रकाशित हो पाई है। अवन्तिका ने बताया कि बच्चों के लिए अनेक कहानियां लिख रही हूं। जो योग से ओत-प्रोत रहेगी और योग दिवस पर प्रकाशित होगी। विमोचन के अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन डॉ. चर्तुभुजी गुप्ता प्रशासनिक अधिकारी संतवन शैठ्ठी, प्रथामिक शिक्षक संघ के मंत्री समीर सिंह, श्रीमती कीर्तना त्रिपाठी, श्रीमती सुमन चन्द्रा तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।
पुस्तक से * जो सच्चा प्यार करते है वो हमेशा अपने प्यार की यादों में जीतें है और यकीन मानिए जो जान देने वालों से ज्यादा दर्द सहते है।