Tuesday, November 26, 2024
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रेल मंत्री द्वारा इंस्टिट्यूशन ऑफ परमानेंट वे इंजीनियर्स (इंडिया) के अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी सेमिनार का उद्घाटन

इंस्टिट्यूशन ऑफ परमानेंट वे इंजीनियर्स (इंडिया) द्वारा आयोजित ‘चैलेंजेस इन डिज़ाइन एंड मेंटेनेंस ऑफ ट्रैक अंडर मिक्स्ड ट्रैफिक रिज़ाइम ऑफ हाई स्पीड एंड हैवी एक्सल लोड’ संकल्पना पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी सेमिनार का उद्घाटन माननीय रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु द्वारा नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये किया गया। रेलवे बोर्ड के सदस्य इंजीनियरी श्री ए. के. मित्तल इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे, जबकि पश्चिम रेलवे के प्रधान मुख्य इंजीनियर श्री एम. के. गुप्ता ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। इस सेमिनार में सम्पूर्ण भारत एवं विदेशों के स्थायी रेल पथ से सम्बंधित प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इनमें रेलवे बोर्ड के अतिरिक्त सदस्य, क्षेत्रीय रेलों के महाप्रबंधक तथा प्रधान मुख्य इंजीनियर, रेल संरक्षा के मुख्य आयुक्त तथा आयुक्त, रेलवे के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के प्रबंध निदेशक तथा निदेशक,इंडियन रेलवे इंस्टिट्यूट ऑफ सिविल इंजीनियरिंग के निदेशक तथा प्रोफेसर, रिसर्च डिज़ाइन एवं स्टैण्डर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) के कर्मचारी निदेशक तथा निदेशक, रेलवे एवं सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा अन्य संगठनों इत्यादि के प्रतिनिधि मुख्य रूप से शामिल हैं।

इस सेमिनार में मिश्रित यातायात परिदृश्य तथा विस्तृत फील्ड डाटा के प्रस्तुतीकरण द्वारा नये उपायों पर विशेष बल दिया जा रहा है। सेमिनार के अंत में इंडियन रेलवे इंस्टिट्यूट ऑफ सिविल इंजीनियरिंग के निदेशक आगे की कार्रवाई हेतु सुझावों का एक सारांश तैयार करेंगे। इस सेमिनार में ट्रैक एवं पुल तकनीकों में हुए विभिन्न विकासों/संकल्पनाओं को प्रदर्शित करने हेतु एक तकनीकी प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है। इंस्टिट्यूशन ऑफ परमानेंट वे इंजीनियर्स (इंडिया) एक तकनीकी निकाय है, जिसकी स्थापना रेलवे बोर्ड के तत्वावधान में स्थायी पथ (रेलवे ट्रैक), पुलों तथा अन्य संरचनाओं से सम्बंधित विभिन्न रेलवे इंजीनियरों को एक मंच पर लाने हेतु की गई थी, जिससे वे अपने ज्ञान एवं अनुभवों को साझा कर सकें। इस संस्था का गठन 18मई, 1967 को किया गया था एवं पुणे में इसका मुख्यालय है। तत्पश्चात 28 जुलाई, 1972 को पुणे में इसे एक पब्लिक ट्रस्ट कार्यालय के रूप में रजिस्टर कराया गया। यह संस्था विभिन्न रेलकमिर्यों में स्थायी रेल पथ, पुलों तथा अन्य संरचनाओं से सम्बंधित ज्ञान के प्रचार-प्रसार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती आई है।

इस वर्ष इस संस्था के गठन की ‘स्वर्ण जयंती’ मनायी जा रही है। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य स्थायी पथ, पुलों तथा अन्य संरचनाओं से जुड़े लोगों में निर्माण तथा अनुरक्षण से सम्बंधित ज्ञान को साझा करना है। इसी के परिप्रेक्ष्य में संस्था द्वारा समय-समय पर सेमिनार, व्याख्यान, चर्चा, प्रदर्शनी के साथ-साथ तकनीकी सूचनाओं का प्रकाशन भी किया जाता है, जिससे इस संस्था के सदस्य सूचनाओं एवं विचारों के आदान-प्रदान द्वारा लाभान्वित हो सकें। सम्पूर्ण भारतीय रेल पर इस संस्था की गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। इस संस्था के 16 केन्द्र हैं, जो सम्बंधित क्षेत्रीय रेलों के क्षेत्राधिकार में स्थित हैं। इसके अतिरिक्त आरडीएसओ, लखनऊ तथा इंडियन रेलवे इंस्टिट्यूट ऑफ सिविल इंजीनियर्स, पुणे के क्षेत्राधिकार में भी इसके केन्द्र हैं।

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