मुंबई की झुग्गियों का जीवन बदलने का नजारा विदेश में बताकर आंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मॅगसेसे विजेता जोकीम की स्पार्क स्वयंसेवी संस्था और स्पार्क समुदाय निर्माण सहायक संस्था को मनपा ने ब्लैक लिस्ट किया गया था। आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली की शिकायत के बाद अब मनपा हुआ नुकसान की वसूली के लिए कोर्ट में मुकदमा दायर करने जा रही हैं। स्पार्क समुदाय निर्माण सहायक संस्था को 24 लाख का दंड ठोंका गया हैं और 26 लाख की डिपॉजिट रकम जब्त की गई हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मनपा की बस्ती स्वच्छता कार्यक्रम विभाग से मेसर्स स्पार्क is संस्था को ब्लैक लिस्ट करने को लेकर जानकारी मांगी थी। मनपा की बस्ती स्वच्छता कार्यक्रम विभाग के उपप्रमुख अभियंता ने अनिल गलगली को ब्लैक लिस्ट करार दिया हुआ पत्र और रिपोर्ट दी। मनपा ने 26 फरवरी 2016 को स्पार्क स्वयंसेवी संस्था और स्पार्क समुदाय निर्माण सहायक संस्था को पत्र भेजकर ब्लैक लिस्ट करने की जानकारी दी। 23 मार्च 2016 को सर्कुलर जारी कर मेसर्स स्पार्क का वेंडर नंबर 4127 और स्पार्क समुदाय निर्माण सहायक संस्था का वेंडर नंबर 14884 के तहत दिया हुआ ठेका और काम को रद्द करते हुए आनेवाले 5 वर्षों के लिए दोनों संस्था को ब्लैक लिस्ट किया हैं। स्पार्क को किसी भी तरह का नया काम न देने और दिए हुए काम के बिल की रकम रोकने का आदेश जारी किया हैं।
स्पार्कपर दोष दायित्व अवधि में शौचालय की मरम्मत न करने और कछुआ गति से थर्ड क्लास काम का प्रमुख आरोप हैं। इसके अलावा अकार्यक्षमता, समय में काम पूर्ण न करना, अभियांत्रिकी प्रक्रिया का अनुपालन न करना, दंडात्मक कार्यवाही, अस्पष्ट और असंबद्ध जबाब , स्टाफ की कमी, लेटलतिफी , काम में दोष और फ्रॉड का आरोप भी तय किया गया हैं। स्पार्क को मनपा के 4 जोन में कुल 66 काम का वर्क आर्डर दिए थे उसमें से 37 काम को स्पार्क ने खुद रद्द करने का अनुरोध किया। शेष 29 में से सिर्फ 20 काम को पूर्ण किया गया। 9 में 8 काम आज भी पुरे नहीं किए गए हैं और 1 काम आज तक शुरु ही नही हुआ हैं।
मनपा आयुक्त अजोय मेहता को भेजे हुए पत्र में अनिल गलगली ने मांग की थी कि स्पार्क पर कार्रवाई की जाए। अनिल गलगली को भेजे हुए पत्र में उप प्रमुख अभियंता ने स्पष्ट किया हैंकि मनपा का हुआ नुकसान वसूलने के लिए स्पार्क पर कोर्ट में मनपा मुकदमा दायर करनेवाली हैं।