महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री विनोद तावडे ने कहा है कि मुंबई विश्वविद्यालय में डॉ राममनोहर त्रिपाठी हिंदी भाषा भवन बनकर रहेगा. वे विधानभवन में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक मेें मुंबई विश्वविद्यालय के कालिना में हिंदी और उर्दू भाषा भवनों के निर्माण कार्य में आनेवाली दिक्कतों का आकलन कर रहे थे। शिक्षा मंत्री ने कहा डॉ राममनोहर त्रिपाठी साहित्य और समाजकारण में एक बड़ा नाम है। डॉ त्रिपाठी के नाम से बनने वाले भवन को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है। पिछले दिनों खबरें छपी थी कि भवन के लिए दी गई दो करोड़ रुपये की निधि सरकारी कोष में वापिस लौटाई जा रही है। पूर्व मंत्री आरिफ नसीम खान की पहल पर इस मुद्दे पर आयोजित बैठक में मुंबई उपनगर के कलेक्टर दीपेंद्र सिंह कुशवाहा, विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॊ संजय देशमुख आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली, वरिष्ठ पत्रकार बृजमोहन पांडेय, आदित्य दुबे, विजय सिंह कौशिक,निरंजन परिहार, राजकुमार सिंह, सोनू श्रीवास्तव मौजूद थे।
वाइस चांसलर ने यह तर्क रखा कि वे 500 करोड़ रुपये की लागत की एक गगनचुंबी इमारत बनाकर इसी में सभी भाषाअों के विभाग बनाने की कार्ययोजना पर विश्वविद्यालय काम कर रहे हैं। इसके लिए भवन का निर्माण रोक दिया गया था। पिछले वाइस चांसलर ने इस काम के लिए विश्वविद्यालय की मैनेजमेंट काउंसिल से अनुमति लेने की औपचारिकता पूरी नहीं की थी। विधायक नसीम खान ने इस पर तीव्र आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि भवन की सारी औपचारिकता पूरी करने और निधि विश्वविद्यालय के पास पहुंचने के बाद बाकायदा वर्क-अॊर्डर निकालकर भवन का भूमिपूजन किया गया था। शिक्षा मंत्री ने बताया कि उन्हें विश्वविद्यालय की बहुमंजिला इमारत का मास्टर प्लान अगले महीने मिलेगा। इसका अध्ययन करके वे खुद यह सुनिश्चित करेंगे कि इसमें हिंदी भवन बने। उन्होंने बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि डॊ त्रिपाठी हिंदी भाषा भवन बनकर रहेगा।