विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) ने विज्ञापन और प्रचार पर छह महीने में मार्च 2015 तक लगभग 780 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। राज्य सभा में एक प्रश्न के जवाब में सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने यह जानकारी दी। राठौड़ ने बताया कि इस समय अंतराल में डीएवीपी द्वारा प्रिंट मीडिया पर करीब 260 करोड़ जबकि ऑडियो विजुअल पब्लिसिटी पर करीब 451 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। डीएवीपी द्वारा आउटडोर पब्लिसिटी पर करीब 69 करोड़ रुपये खर्च किए गए। कुल मिलाकर इस साल मार्च तक छह महीने में 780 करोड़ और साठ लाख रुपये खर्च किए गए हैं। ॉ
विज्ञापनों पर 780 करोड़ लुटा दिए सरकार ने
एक निवेदन
ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।
RELATED ARTICLES