रेलवे एक साझा डिजिटल प्लेटफार्म विकसित कर रहा है, जिसमें सभी विभागों की सूचनाओं का एकीकरण होगा. भविष्य की रूपरेखा के तहत यह प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है जिससे प्रणाली में पारदर्शिता आएगी और रेलवे को करीब 60,000 करोड़ रुपये की बचत होगी.
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने समाचार एजेंसी भाषा को बताया कि इसके अलावा रेलवे की पूरी खरीद श्रृंखला का डिजिटलीकरण होगा,जिससे भ्रष्टाचार पर कुछ हदतक रोक लग सकेगा. उन्होंने कहा, हमारी पूरी आपूर्ति श्रृंखला का डिजिटलीकरण होगा. भुगतान इलेक्ट्रॉनिक तरीके से किया जाएगा, खरीद भी इसी तरीके से होगी. इससे भ्रष्टाचार रकेगा.
रेलवे के लिए अपनी सोच का उल्लेख करते हुए प्रभु ने कहा कि हम पूर्ण डिजिटलीकरण प्रक्रिया एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) करने जा रहे हैं. रेल का पूरा परिचालन ऑनलाइन होगा. उद्योग के अनुमान के अनुसार इससे 60,000 करोड़ रपये की बचत होगी. ईआरपी एक आईटी आधारित प्लेटफार्म होगा, जिससे प्रणाली के आधार पर एकीकरण और योजना के लिए होगा. उन्होंने कहा कि हमारी रेलवे के लिए सोच यह है कि उन मुद्दों को सुलझाया जाए जिनकी वजह से आज यह संकट में है. पूर्ण डिजिटलीकरण से एक स्थान से परिचालन का प्रबंधन हो सकेगा.
रेलवे के से जुड़े विभिन्न मुद्दों का जिक्र करते हुए प्रभु ने कहा, ‘ रेलवे जैसे संगठनों के लिए एक दृष्टि होनी चाहिए. हमारी लघु अवधि, मध्य अवधि और दीर्घावधि की दृष्टि तथा अखिल भारतीय स्तर की सोच होनी चाहिए.’ रेलवे में भीड़भाड़ का जिक्र करते हुए प्रभु ने कहा कि आजादी के बाद से रेल यातायात 16 गुना बढ़ा है जबकि इसका बुनियादी ढांचा चार गुना भी नहीं बढ़ पाया है. ऐसे में हम अपनी क्षमता के 150 से 160 प्रतिशत पर संचालन कर रहे हैं.
फिलहाल 60 प्रतिशत रेल यातायात 16 प्रतिशत नेटवर्क के जरिये प्रबंधित किया जाता है. उन्होंने कहा कि आज ट्रेनों की समय पर आवाजाही इसलिए नहीं हो पाती क्योंकि एक ही लाइन पर कई रेलगाडि़यां गुजरती हैं. दिल्ली आने वाली कोई ट्रेन समय पर आ सकती है, लेकिन भीड़भाड़ की वजह से वह समय पर दिल्ली में प्रवेश नहीं कर पाती. प्रभु ने कहा कि उन्होंने 16,500 किलोमीटर लाइन के दोहरीकरण या तिहरा करने की मंजूरी दी है. पिछले 70 साल में सिर्फ 22,000 किलोमीटर लइनों की ही मंजूरी दी गई थी.