Saturday, November 23, 2024
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डॉ. सुभाष चंद्रा शो नई कल्पना के साथ नए अवतार में

मुंबई: युवाओं को प्रेरणा देने वाले देश के सबसे लोकप्रिय टीवी शो डॉ. सुभाष चंद्रा (DSC) शो एक नई संकल्पना और ताज़गी के साथ एक बार फिर छोटे परदे पर आया है 6 मई से. इस नए एपिसोड में विभिन्न पृष्ठभूमियों के लोगों के संघर्ष और सफलता के बारे में जानकारी दी जाएगी. नई दिल्ली में शूट होने के बाद डीएससी शो का अगला एपिसोड आज विसलिंग वुड्स इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट और प्रह्लाद कक्कड़ स्कूल ऑफ ब्रांडिंग ऐंड एंटरप्रेनरशिप में संपन्न हुआ.

इस एपिसोड में राज्य सभा सांसद एवं एस्सेल व ज़ी समूह के अध्यक्ष डॉ. सुभाष चंद्रा ने अपने पसंदीदा विषय “एमबीए बनाम उद्यमी, जॉब सीकर बनाम जॉब गिवर और रचनात्मक उद्योग में उद्यमशीलता किस तरह से अलग है?” विषय पर अपने विचार व्यक्त किए. इस एपिसोड में प्रह्लाद कक्कड़, एडवरटाईज़िंग फिल्म डायरेक्टर फॉर प्रह्लाद कक्कड़-फिल्म प्रोडक्शन, डॉ. ए वेलुमणि, संस्थापक व अध्यक्ष, थायरोकेअर, बीना सेठ लश्करी, डायरेक्टर, डोअर स्टेप स्कूल, कौस्तुभ धरगलकर, नवाचार सलाहकार व प्रतीश नायर, पीकेएसबीई के सहसंस्थापक इस एपिसोड के लिए खास मेहमानों और बदलाव के वाहक के रूप में आमंत्रित थे.

एक सफल उद्यमी होने के नाते डॉ. सुभाष चंद्रा ने “एमबीए बनाम उद्यमी, जॉब सीकर बनाम जॉब गिवर और रचनात्मक उद्योग में उद्यमशीलता किस तरह से अलग है” विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “भारत उद्यमियों का देश है। उद्यमशीलता हमारे खून में दौड़ती है, क्योंकि हम जानते हैं कि सीमित साधनों के साथ सफलता कैसे हासिल की जा सकती है, यही सोच किसी उद्योग को सफलतापूर्वक चलाने के लिए ज़रुरी है. भारतीयों में ये गुण उकी इच्छा से नहीं बल्कि उनकी ज़रुरतों की वजह से पैदा होता है, लेकिन सफल उद्यमी क्या करते हैं, वे सीमाओं को अवसरों में बदल देते हैं.”

इसे समझाते हुए डॉ. चंद्रा ने कहा, “किसी भी अर्थ व्यवस्था की सफलता और विकास के लिए हमें दोनों की ही ज़रुरत है एमबीए की भी और उद्यमियों की भी, जॉब सीकर की भी और जॉब गिवर की भी. इनमें से कोई भी न तो बेहतर है न खराब है; हर एक के अपने खतरे भी हैं तो उपलब्धि भी. हालाकि दोनों ही इस व्यवस्था के महत्वपूर्ण अंग हैं और ये किसी व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता है कि वह कौनसा रास्ता चुनकर परिपक्वता हासिल करता है. यह सार्वभौमिक सच्चाई है कि अगर आप श्रेष्ठता का लक्ष्य रखकर कोई काम करते हैं तो आप अपनी पसंद के हर क्षेत्र में सफल हो सकते हैं.

रचनात्मक उद्योग में उद्यमशीलता विषय-पर मीडिया और मनोरंजन उद्योग में आने के अपने अनुभवों को साझा करते हुए डॉ. चंद्रा ने कहा, “फिक्की-केपीएमजी मीडिया ऐंड एंटरटेनमेंट रिपोर्ट 2017 में कहा गया है कि भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग (एम ऐंड ई) वर्ष 2016 मे 1,26200 करोड़ तक पहुँच गया था और वर्ष 2020 तक ये अपने आकार का दुगना हो जाएगा. इस तरह हम देख सकते हैं कि इस उद्योग में सफल होने की व्यापक संभावनाएं हैं. मीडिया ऐंड एंटरटेनमेंट उद्योग में या किसी भी उद्योग में सफल होने के लिए आपको अपने उत्पाद को बाज़ार में मौजूद किसी भी अन्य उत्पाद से बेहतर बनाना होगा, या आपको अपने दर्शकों को ऐसा कुछ देना होगा जो उन्हें अब तक नहीं मिला है. नए व रचनात्मक तरीकों से आप अपने दर्शकों के साथ ही अपने कर्मचारियों की और अपनी भी रुचि बनाए रख सकते हैं.”
डॉ. चंद्रा ने विसलिंग वुड्स इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट और प्रह्लाद कक्कड़ स्कूल ऑफ ब्रांडिंग ऐंड एंटरप्रेनरशिप के के छात्र-छात्राओं के साथ अपनी सफलता के सूत्र साझा किए.
प्रह्लाद कक्कड़, एडवरटाईज़िंग फिल्म डायरेक्टर फॉर प्रह्लाद कक्कड़-फिल्म प्रोडक्शन, डॉ. ए वेलुमणि, संस्थापक व अध्यक्ष थायरोकेअर, बीना सेठ लश्करी, डायरेक्टर, डोअर स्टेप स्कूल, कौस्तुभ धरगलकर, नवाचार सलाहकार व प्रतीश नायर, पीकेएसबीई के सहसंस्थापक इस एपिसोड के लिए खास मेहमानों के रूप में आमंत्रित थे.

देखिये डॉ. सुभाष चंद्रा का प्रारंभिक एपिसोड 6 मई को और इसके बाद पहला एपिसोड 13 मई को ज़ी मीडिया के इन चैनलों पर
ज़ी न्यूज़ पर शनिवार को सुबह 10 बजे और रविवार को 11 बजे
इंडिया 24X7 पर शनिवार को सुबह 7:30 बजे और रविवार को सुबह 10:00 बजे
ज़ी बिज़नेस पर शाम 7:00 बजे और रविवार को सुबह 11 बजे
ज़ी राजस्थान पर रात शनिवार को रात 8 बजे और रविवार को रात 12 बजे
ज़ी म.प्र. छत्तीसगढ़ पर शनिवार को शाम 5 बजे और रविवार को सुबह 9:00 बजे
ज़ी हरियाणा हिमाचल पर शनिवार को शाम 7:00 बजे और रविवार को सुबह 10:00 बजे
ज़ी 24 घंटा पर शनिवार को रात 11 बजे और रविवार को सुबह 11 बजे
ज़ी पूर्विया पर शनिवार को रात 9:00 बजे और रविवार को सुबह 10 बजे
ज़ी 24 तास पर शनिवार को दोपहर 1 बजे और रविवार को सुबह 10 बजे
ज़ी कलिंगा पर शनिवार को दोपहर 1.30 बजे और रविवार को सुबह 10 बजे

ज़ी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड

देश का एक अग्रणी न्यूज़ नेटवर्क है. इसमें न्यूज. ताज़ा घटनाक्रम और क्षेत्रीय समाचार चैनलों का एक विशिष्ट समावेश है जिसमें ज़ी न्यूज़, ज़ी बिज़नेस, विऑन, इंडिया 24×7,ज़ी पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, ज़ी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ज़ी 24 तास, 24 घंटा, ज़ी कलिंगा, ज़ी पूर्वैया और ज़ी राजस्थान न्यूज़ शामिल हैं. इसमें डीएनए समाचार पत्र भी शामिल है.

डॉ. सुभाष चंद्रा, सांसद, राज्य सभा व अध्यक्ष-ज़ी एवं एस्सेल समूहः

डॉ. सुभाष चंद्रा (DSC) हरियाणा से राज्य सभा के निर्दलीय सांसद हैं. वे एस्सेल समूह की कंपनियों के अध्यक्ष हैं और दुनिया की मीडिया और मनोरंजन जगत की कंपनियों में एक जाना पहचाना नाम है. अपने दम पर ही अपनी शख़्सियत बनाने वाले और दूरदृष्टा डॉ. सुभाष चंद्रा ने हर बार एक नए उद्योग की शुरुआत की और उसे सफलता के शीर्ष तक पहुंचाया.

आज डीएससी को मीडिया मुगल के नाम से पहचाना जाता है. सफलता हासिल करने की अपनी मौलिक व उद्यमी सोच के बलबूते पर उन्होंने 1992 में देश का सबसे पहला सैटेलाईट चैनल ज़ी टीवी शुरु किया और इसके बाद देश के सबसे पहले निजी न्यूज़ चैनल ज़ी न्यूज़ की शुरुआत की. आज ज़ी एक स्थापित ब्रांड बन चुका है, और अंतर्राष्ट्रीय स्तर भी एक जाना पहचाना नाम है. आज दुनिया भर के 171 देशों में 100 करोड़ लोगों तक मनोरंजन से लेकर, खेल, लाईफ स्टाईल, फिल्मों और अंग्रेजी से लेकर क्षेत्रीय भाषाओं के कार्यक्रमों में ज़ी टीवी की मौजूदगी है. दर्शक संख्या में पांच गुना वृध्दि और कार्यक्रमों में विविधता में चार गुना वृध्दि को लेकर वर्ष 2020 तक ज़ी दुनिया का सबसे बड़ा मीडिया ब्रांड हो जाएगा.

मनोरंजन और मीडिया के क्षेत्र में इस अनुपम योगदान के लिए डॉ. चंद्रा को न्यूयॉर्क में आयोजित इंटरनेशनल एम्मी अवॉर्ड्स नाईट में इंटरनेशनल एम्मी डायरेक्टोरेट अवॉर्ड प्रदान किया गया और यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट लंदन द्वारा उन्हें डॉक्टर ऑफ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन से सम्मानित किया गया.

डॉ. चंद्रा अपने जीवन के अनुभवों को डॉ. सुभाष चंद्रा (DSC) शो के माध्यम से दर्शकों से साझा करते हैं यह कार्यक्रम को देश भर के लाखों दर्शकों में बेहद लोकप्रिय है. अपने इस कार्यक्रम के माध्यम से वे युवाओं में राष्ट्र भक्ति की भावना पैदा करने के साथ ही उनके जीवन को एक नई दिशा देने का कार्य भी कर रहे हैं.

मनोरंजन और मीडिया के क्षेत्र में इस अनुपम योगदान के लिए डॉ. चंद्रा को न्यूयॉर्क में 2011 में आयोजित 39 वीं इंटरनेशनल एम्मी अवॉर्ड्स नाईट में एम्मी डायरेक्टोरेट अवॉर्ड प्रदान किया गया. डॉ. चंद्रा यूनाईडेट स्टेट के बाहर से पहले ऐसे भारतीय हैं जिन्हें टेलीविज़न के कार्यक्रमों के क्षेत्र में बेहतरीन कार्यक्रमों के लिए डायरेक्टोरेट अवॉर्ड प्रदान किया गया.

डीएससी ने परमार्थिक कार्यों के माध्यम भी देश में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. उन्होंने तालीम TALEEM (Transnational Alternate Learning for Emancipation and Empowerment through Multimedia) नाम से एक संस्था की स्थापना की है जिसके माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाती है. वे एकल विद्यालय फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष भी हैं-जिसके माध्यम से देश के वनवासी क्षेत्रों में और ग्रामीण अंचलों में विद्यालयों का संचालन किया जाता है. एकल विद्यालयों के माध्यम से 54,000 गाँवों में 1.4 million से भी ज्यादा आदिवासी बच्चों को शिक्षा दी जाती है. ग्लोबल विपश्यना फाउंडेशन की स्थापना में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जिसके माध्यम से लोगों को अपनी अध्यात्मिक क्षमता के विकास की दिशा में मार्गदर्शन दिया जाता है. डॉ. सुभाष चंद्रा ग्लोबल फाउंडेशन फॉर सिविल हार्मोनी इंडिया (GFCH) के भी संस्थापक अध्यक्ष हैं, यह यूनाईडेट नेशंस एलायंस ऑफ सिविलाईज़ेशन (UNAOC) के साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय विवादों को दूर करने की दिशा में कार्य करता है. GFCH संस्थापकों में हिज़ होलीनेस दलाई लामा सहित कई जानी मानी शख्सियतें शामिल हैं, इसके संस्थापकों में भारत के पूर्व राष्ट्रपति स्व. डॉ. अब्दुल कलाम भी शामिल थे.

(Official Twitter Handle – @subhashchandra)

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