राजनांदगांव। संस्कारधानी के यशस्वी शिक्षाविद, सामाजिक सचेतक, साहित्यकार और दिग्विजय कालेज के राजकीय सम्मान से विभूषित प्रोफ़ेसर डॉ.चन्द्रकुमार जैन ने कहा है कि जनता पुलिस सम्बन्ध में सुधारऔर निखार के लिए दिमाग से काम और दिल से व्यवहार का सूत्र कारगर साबित हो सकता है। डॉ. जैन ने कहा कि जनता को महसूस होना कि पुलिस उसकी हमदर्द है और उस हमदर्दी के समर्थन में जनता को भी पुलिस के हरसंभव सहयोग के लिए आगे आना चाहिए । जन जीवन से पुलिस व्यवहार को अगर पारिवारिक और मित्र जैसा तेवर मिल जाए तो समाज की व्यवस्था और उसकी प्रगति की राह आसान होती जाएगी।
शहर के पीटीएस में प्रशिक्षणरत उत्साही जवानों के नए बैच को डॉ. चंद्रकुमार जैन ने प्रेरक और प्रभावी मार्गदर्शन दिया। गरिमामय कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मौजूद जवानों को सम्बोधित करते हुए डॉ.जैन ने समझाया कि व्यावहारिक कौशल एक व्यक्ति के अन्य लोगों के साथ संबंधों के तौर तरीके के कई आयामों का दूसरा नाम है। साफ्ट स्किल एक नौकरी और कई अन्य गतिविधियों की व्यावसायिक जरूरत को पूरा करती है। आज के दौर में व्यावसायिक होना की पर्याप्त नहीं बल्कि व्यावहारिक होना कहीं ज्यादा जरूरी है।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में पीटीएस की तरफ से श्री जाकिर अली ने अतिथि वक्ता डॉ.चन्द्रकुमार जैन की बहुआयामी सेवाओं और उपलब्धियों की चर्चा करते हुए पुलिस प्रशिक्षणार्थियों को उनके सुझाव का लाभ लेने का आह्वान किया । स्वागत के उपरांत डॉ.जैन ने कहा कि लोकतंत्र में देश की आंतरिक सुरक्षा में पुलिस और बाहरी सुरक्षा में सेना की सबसे अहम भूमिका होती है। पुलिस का काम बहुत जिम्मेदारी का है, चुनौतियों से भरा है। लेकिन, पुलिस की व्यवहार कुशलता से दक्षता में भी चार चाँद लग जाते हैं।
डॉ.जैन ने समझाया कि पुलिस पदाधिकारी और कर्मचारियों को अपनी ड्यूटी के प्रति सजग व संवेदनशील रहने की हिदायत लगातार दी जा रही है। माना जा रहा है कि जनता के साथ व्यवहार के तौर तरीके में बदलाव से ही पुलिस समाज के लिए अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सकती है। इसलिए अपनी प्रवृत्ति और व्यवहार में निखार लाने की हर संभव कोशिश की जानी चाहिए। डॉ.जैन ने मौके पर कई प्रेरक सूत्रों के साथ देश भक्ति की पंक्तियाँ सुनाकर पीटीएस के जवानों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
डॉ. चंद्रकुमार जैन ने जोर देकर के साथ कहा अच्छे व्यवहार से आप अधिक स्वीकार किये जाते हैं। समाज का विश्वास प्राप्त करते हैं। व्यवहार कौशल और अपने दीगर हुनर को तराशकर आप अधिक सहयोग और सम्मान के अधिकारी बनते हैं। नतीजतन, आपकी कार्यशैली अधिक असरदार बन जाती है। अगर आप व्यवहार कुशल हैं तो बेशक समझेंगे कि ज़रा सी बात से लोगों के अहम को चोट लग जाती है,जिसका सीधा असर आपसे जुड़े पूरे अमले पर पड़ता है। आज माना जा रहा है कि आप व्यवहार कुशल रहें ताकि जीवन और कर्मक्षेत्र में भी स्वस्थ माहौल का निर्माण किया जा सके।