Sunday, November 24, 2024
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श्री कृष्ण गोपाल ने कहा, “असहिष्णु” लोग भारतीय संस्कृति के अनुसार अपना व्यवहार बदलें

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता श्री कृष्ण गोपाल ने जयपुर में कहा कि “असहिष्णु” लोगों को भारतीय संस्कृति के अनुसार अपना व्यवहार बदल लेना चाहिए। एक कार्यक्रम में आरएसएस के सह सरकार्यवाह श्री कृष्ण गोपाल ने कहा कि चाहे वो कारोबार हो या सेवा क्षेत्र हिंदू समाज “तेजी से विकास” कर रहा है। उन्होंने कहा, “जहां तक मुसलमानों की बात है तो वो अपनी जड़ों की तरफ देख रहे हैं और वापस लौटना चाहते हैं।”

श्री कृष्ण गोपाल ने कहा कि भारत में जन्मे विभिन्न धर्मों और समुदायों के बीच “कोई मतभेद” नहीं है। कृष्ण गोपाल ने कहा कि उनसे कई ऐसा मुसलमान मिले हैं जो अपनी जड़ों की जानते हैं और हिंदू सांस्कृतिक परंपराओं का पालन करते हैं। कार्यक्रम में राजस्थान की उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी भी मौजूद थीं। माहेश्वरी ने भारतीय विश्वविद्यालयों में “भारत-विरोधी” नारे लगाए जाने पर चिंता व्यक्त की। माहेश्वरी ने कहा कि ऐसी मुद्दों से उचित तरीके से निपटना चाहिए। माहेश्वरी ने श्रोताओं से देश के विकास में रचनात्मक योगदान देने और भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने की अपील की।

61 वर्षीय कृष्ण गोपाल को इंडियन एक्सप्रेस पावरलिस्ट 2017 में देश का 22वां सबसे ताकतवर शख्स माना गया था। साल 2016 में इस लिस्ट में उनका स्थान 69वां था। जाहिर है पिछले एक साल में उनकी ताकत बढ़ी है। कृष्ण गोपाल को आरएसएस और भाजपा के बीच समन्वय की कड़ी माना जाता है। उत्तर प्रदेश से आने वाले श्री कृष्ण गोपाल दिल्ली में चलने वाली आरएसएस की विचारधारा से प्रेरित संकल्प कोचिंग के संरक्षक भी हैं। ये कोचिंग लोक सेवा आयोग की आईएएस, आईपीएस और आईएफएस जैसी प्रतिष्ठित नौकरियों की प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराती है।

हाल ही में उत्तर प्रदेश में आरएसएस और भाजपा कार्यकर्ताओं के ऊपर हमले को लेकर आरएसएस और भाजपा के नेता यूपी के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ से मिले थे उनमें कृष्ण गोपाल भी शामिल थे। माना जाता है कि यूपी और उत्तराखंड चुनाव की रणनीति बनाने में भी श्री कृष्ण गोपाल की प्रमुख भूमिका रही थी।

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