रेल मंत्री सुरेश प्रभु अपने अधिकारियों को फील्ड में भेजकर नरेंद्र मोदी सरकार की पहली वर्षगांठ पर रेलवे का निरीक्षण करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने एयर कंडीशंड कमरों से निकलें और आम जनता से कमजोर होते रिश्तों को सुधारें। साथ ही रेलवे की ज़मीनी हकीकत जानने की कोशिश करें।
मंत्रालय एक कार्यक्रम तैयार कर रहा है जिसके अन्तर्गत सभी अधिकारी साधारण यात्रियों की तरह सेकंड क्लास में देश भर की यात्रा कर रेलवे की जमीनी हकीकत जानेंगे। "अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपनी उन सभी सुविधाओं को अलग रखें जिनका उपयोग वे आम तौर पर सफर के दौरान करते हैं और आम यात्रियों के सामने आने वाली कठिनाइयों को स्वयं अनुभव करेें।" एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा।
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रेल मंत्री प्रभु की यह योजना अधिकारियों तक ही सीमित नहीं है। उन्होंने रेलवे बोर्ड के मेम्बर्स को भी कहा है कि वेे विभिन्न ज़ोन्स का साप्ताहिक दौरा करें और देखें कि रेलवे अधिकारी फील्ड में क्या काम कर रहे हैं।
"असल में अधिकारियों और अन्य कर्मचारियों को कामकाज में आमतौर पर कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। रेल ड्राइवर्स के लिये बने रनिंग रूम्स बहुत ही बुरी हालत में हैं। साथ ही स्टाफ, ट्रैकमैन, ट्रॉलीमैन, गेटमैन और चौकीदार आदि बहुत बुरे वातावरण में काम करते हैं जबकि सुरक्षित संचालन के लिए ये सभी काफी हद तक ज़िम्मेदार होते हैं इसीलिये अध्यक्ष सहित पूरा रेलवे बोर्ड निरीक्षण के लिए एक साथ फील्ड का दौरा करेगा।" एक अधिकारी ने बताया।