राजनांदगांव। हिन्दी की वैश्विक उपयोगिता और रोजगारपरकता को बढ़ावा देने के लिए नई दिल्ली में होने जा रही अनुवाद की अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में दिग्विजय कालेज के हिन्दी विभाग के राज्य अलंकरण से विभूषित और राष्ट्रपति सम्मानित प्राध्यापक डॉ.चन्द्रकुमार जैन अतिथि वक्ता होंगे। डॉ.जैन को इस समसामयिक कार्यशाला में ख़ास तौर पर आमंत्रित किया गया है।
माह के अंतिम सप्ताह में आहूत इस कार्यशाला की जानकारी देते हुए डॉ.जैन ने बताया कि इंटरनेट का प्रभाव बढ़ने के साथ ही दुनिया के देश इसके माध्यम से एक हो गए हैं और इसने एक प्रकार से सांस्कृतिक और जातीय सीमाओं को समाप्त कर दिया है।
डॉ.जैन ने बताया कि चूँकि इंटरनेट में भाषा की बाधाएँ नहीं होतीं अतः विभिन्न भाषाओं के लोग अब प्रभावी रूप से संवाद कर सकते हैं। यह संभव हुआ है भाषाओँ के अनुवाद द्वारा जिससे इंटरनेट की विषय-वस्तु को सार्वभौम और व्यापक बनाकर असंख्य लोगों तक पहुँचाया है। इसीलिए ऑनलाइन अनुवादकों की माँग तेजी से बढ़ रही है। बड़ी संख्या में दक्ष अनुवादकों की तलाश करते हैं।
डॉ.जैन ने बताया कि अध्येताओं ,अनुवादकों और भाषा पेशेवरों के लिए आयोजित एक दिवसीय अकादमिक और व्यावसायिक विकास कार्यशाला मील के पत्थर के समान है।