देश के सबसे अमीर परिवारों में शुमार सिंघानिया परिवार में विवाद खड़ा हो गया है। इस बार विवाद विजयपत सिंघानिया और उनके बेटे गौतम सिंघानिया के बीच पैदा हुआ है। रेमंड लिमिटेड के मालिक विजयपत सिंघानिया ने आरोप लगाया है कि उनके बेटे ने उन्हें एक-एक पैसे का मोहताज बनाकर रख दिया है। सिंघानिया ने आरोप लगाया है कि उनका बेटा गौतम रेमंड लिमिटेड को अपनी व्यक्तिगत जागीर जैसे चला रहा है।
भारत के जाने-माने ब्रैंड्स में शुमार रेमंड लिमिटेड के अपने बेटे गौतम को सौंपने के बाद अब विजयपत सिंघानिया खुद मुंबई के ग्रैंड पराडी सोसायटी में किराए के मकान में रह रहे हैं। हमारे सहयोगी मुंबई मिरर ने हाल ही में यह खबर दी थी कि विजयपत सिंघानिया ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मालाबार हिल्स में अपने ड्यूपलेक्स घर का पज़ेशन मांगा है। इसके बाद बुधवार को सिंघानिया के वकील ने कोर्ट को बताया कि विजयपत कैसे पैसों की तंगी से जूझ रहे हैं।
जिस घर के पज़ेशन के लिए याचिका दायर की गई है वह 1960 में बना था और तब 14 मंजिला था। बाद में इस बिल्डिंग के 4 ड्यूपलेक्स रेमंड की सब्सिडरी पश्मीना होल्डिंग्स को दे दिए गए। साल 2007 में, कंपनी ने इस बिल्डिंग को फिर से बनवाने का फैसला किया। डील के मुताबिक सिंघानिया और गौतम, वीनादेवी (सिंघानिया के भाई अजयपत सिंघानिया की विधवा), और उनके बेटों अनंत और अक्षयपत सिंघानिया को एक-एक ड्यूपलेक्स मिलना था। इसके लिए उन्हें 9 हजार प्रति वर्ग फीट की कीमत चुकानी थी।
अपार्टमेंट में अपने हिस्से के लिए वीनादेवी और अनंत ने पहले से ही एक संयुक्त याचिका दायर की हुई है, वहीं अक्षयपत ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक अलग याचिका दायर की है।विजयपत सिंघानिया के वकील दिनयर मेडन ने कोर्ट को बताया कि 78 वर्षीय सिंघानिया ने अपनी सारी संपत्ति अपने बेटे के नाम कर दी, लेकिन बेटा अब उनपर ध्यान नहीं दे रहा है।
वकील ने बताया कि सिंघानिया ने कंपनी में अपने सारे शेयर अपने बेटे के हिस्से में दे दिए। इन शेयर्स की कीमत 1000 करोड़ रुपये के करीब थी, लेकिन अब गौतम ने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया है। यहां तक की सिंघानिया की गाड़ी और ड्राइवर भी छिन लिए गए हैं।
साभारः मुंबई मिरर से