चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को रेप के मामले में दोषी ठहराने और सजा सुनाने वाले सीबीआई के स्पेशल जज जगदीप को उनकी ईमानदार और सख्त छवि के लिए जाना जाता है। इस हाईप्रोफाइल मामले में भी उन पर डेरे के समर्थकों समेत राजनीतिक हलकों से भी दबाव था। इसके बावजूद वह डिगे नहीं और दो साध्वियों से रेप के मामले में गुरमीत को जेल भेजने का फैसला सुनाया। इस का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि जब शुक्रवार को उन्होंने फैसला सुनाया तो वकीलों और सीबीआई के कुछ अधिकारियों को छोड़कर सभी को कोर्ट रूम से बाहर कर दिया। इस बीच केंद्र सरकार ने हरियाणा की खट्टर सरकार से जगदीप सिंह को जरूरी और उनके अनुसार सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है।
सोमवार को गुरमीत को सजा सुनाने के लिए रोहतक की जेल में ही पहुंचे जगदीप सिंह शुक्रवार को उस वक्त भी नहीं डिगे, जब पंचकूला में 2 लाख डेरा समर्थक हिंसा के लिए जुटे थे। बीते साल ही सीबीआई के स्पेशल जज बनाए गए जगदीप ने 2012 में हरियाणा जुडिशल सर्विसेज में जॉइन किया था। उनकी पहली नियुक्ति सोनीपत में हुई थी। हाई कोर्ट प्रशासन की ओर से तमाम तरह की चेकिंग के बाद सीबीआई कोर्ट के जज की नियुक्ति की जाती है और जगदीप की यह ऐसी दूसरी पोस्टिंग है।
सितंबर, 2016 में भी वह एक बार खबरों में आए थे, जब हिसार में सड़क पर घायल लोगों की मदद के लिए वह रुके और एंबुलेंस को कॉल किया। काफी देर तक जब एंबुलेंस नहीं आ पाई तो वह खुद ही अपनी गाड़ी में घायलों को लेकर अस्पताल आए। उन्होंने जींद जिले के अस्पताल में घायलों को भर्ती कराया था। पंजाब यूनिवर्सिटी से 2002 में लॉ ग्रैजुएट जगदीप सिंह लंबे समय तक सिविल और क्रिमिनल वकील रहे हैं।
जगदीप सिंह के साथ प्रैक्टिस कर चुके एक वकील के मुताबिक, ‘जगदीप सिंह लो-प्रोफाइल रहना पसंद करते हैं और बेहद कम ही बोलते हैं। हालांकि जो भी उनके करीब है या उनके बारे में जानता है, उसे पता है कि वह बेहद क्षमतावाना और अनुशासित व्यक्ति हैं।’
साभार-टाईम्स ऑफ इंडिया से