मॉरिशस में गिरमिटिया से गवर्नमेंट बने भारतीयों की संतान आज पूरी दुनिया में अपना परचम लहरा रही है। अंग्रेजों द्वारा भारत से ले जाये गए तीन दर्जन भारतीय गिरमिटिया मजदूर 2 नवंबर 1834 को मॉरिशस के पोर्ट लुईस पहुंचे थे। 48 दिनों तक पानी की जहाज में कष्टप्रद यातना सहते हुए ये गिरमिटिया मजदूर 2 नवम्बर को ही मॉरिशस के निर्जन टापू पर पहुंचे थे। इस दर्द को याद रखने के लिए मॉरिशस के लोग अब तक 2 नवंबर को अप्रवासी दिन का आयोजन करते हैं।अपने श्रम से इन लोगों ने मॉरिशस को दुनिया का सबसे अव्वल पर्यटन केंद्र बना दिया और खुद मजूर से हजूर बन गए। मेरे मित्र श्री शशि लोक सहदेव आज मुंबई में थे।
मॉरिशस के अप्रवासी दिन पर हमने उनका मुंबई में स्वागत किया।मॉरिशस की यह सन्तान जो लंदन में जबर्दस्त शख्सियत बन गया है । शशि लोक सहदेव भोजपुरी पंचायत के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव के भोजपुरी फ़िल्म समारोह में शिरकत करने मुंबई आये थे।हमने उन्हें भगवान श्री कृष्ण व राधारानी की प्रतिमा भेंट कर सम्मानित किया।मुंबई बीजेपी के महामंत्री अमरजीत मिश्र के साथ
दुबई में बिहारी आवाज बने उद्योगपति कृष्णप्रताप सिंह , भारतीय राजस्व सेवा के सेवा निवृत्त अधिकारी विनोद चौबे व लंदन में बिहारी कनेक्ट के माध्यम से लंदन में भोजपुरिया लोगों की मदद करनेवाले बाबू उधेश्वर सिंह आदि ने मिलकर श्री शशि लोक सहदेव का स्वागत किया।मॉरिशस के अप्रवासी दिन पर उनके पुरखों की धरती पर उनका सम्मान किसी ख्यातिनाम अंतर्राष्ट्रीय सम्मान से कम नहीं।