लाल कृष्ण आडवाणी बुधवार (आठ नवंबर) को 90 साल के हो गये। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सह-संस्थापक आडवाणी को विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों ने बधायी दी। बीजेपी को देश की सबसे बड़ी पार्टी बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले आडवाणी गुजरात विधान सभा चुनाव में शायद ही प्रचार करने जाएं। 90वें जन्मदिन पर आडवाणी अपनी बेटी प्रतिभा आडवाणी के साथ अपने घर पर मेहमानों का स्वागत करते रहे। धोती, कुर्ता और जैकेट पहने आडवाणी मेहमानों से नाश्ता करने के लिए बार-बार इसरार कर रहे थे। ये पूछने पर कि क्या वो गुजरात में चुनाव प्रचार करने जाएंगे? उनकी जगह प्रतिभा ने जवाब दिया, “नहीं, हम इसी दुनिया में खुश हैं।”
पिछले कुछ समय आडवाणी का वक्त किताबों और अपनी बेटी के साथ यात्रा में बीत रहा है। फिलहाल वो पंकज मिश्रा की लिखी किताब एज ऑफ एंगर पढ़ रहे हैं। जन्मदिन से ठीक पहले वो दो दिवसीय वाराणसी से लौटे हैं। सितंबर में वो हॉन्ग कॉन्ग में छुट्टी मनाने गये थे। आज बीजेपी 11 करोड़ सदस्यों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करती है। आज भी उसकी वैचारिकी “हिंदुत्व” पर केंद्रित है जिसे आडवाणी ने सींचा था। लेकिन खुद आडवाणी की स्थिति पहले वाली नहीं रही।
उनके जन्मदिन पर बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता उनके घर पहुंचे। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह आडवाणी के आवास 30 पृथ्वीराज रोड पर सबसे पहले पहुंचने वालों में थे। उनके बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, अनंत कुमार और विजय गोयल भी उनके आवास पर पहुंचे। इन सभी नेताओं को एक वक्त में आडवाणी के शिष्यों के रूप में जाना जाता था। केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी और जयंत सिन्हा भी आडवाणी को बधाई देने पहुंचे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शाम को थोड़ी देर के लिए उनसे मिले थे। पीएम मोदी ने ट्विटर पर भी आडवाणी को बधाई दी। हालांकि इस मौके पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आडवाणी से नहीं मिल सके। माना जा रहा है कि वो कालाधन विरोधी दिवस पर गुजरात में प्रचार में व्यस्त थे। आडवाणी को बधाई देने वालों में विपक्षी नेता भी शामिल थे। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस नेता कमल नाथ, कर्ण सिंह, शरद यादव, जय पंडा, राजीव शुक्ला और अमर सिंह ने उनके आवास पर पहुंचकर बधायी दी।
साभार- इंडियन एक्सप्रेस से