31 लाख 21 हजार ग्राहकों के 167 करोड़ रुपये एयरटेल पेमेंट्स बैंक में जमा कर दिए गए। खास बात यह है कि ग्राहकों को स्पष्ट जानकारी दिए बिना ही उनके बैंक अकाउंट्स खोले गए थे। इस कारण यूआईएडीएआई ने भारती एयरटेल और एयरटेल पेमेंट बैंक के लिए आधार से केवाईसी की प्रक्रिया पर रोक लगा दी। बहरहाल, इस रकम में 40 करोड़ रुपये हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन, 39 करोड़ रुपये भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन जबकि 88 करोड़ रुपये इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन की ओर से जमा हुए थे।
जांच में पता चला कि एलपीजी सब्सिडी के पैसे एयरटेल पेमेंट्स बैंक में जमा हो रहे थे तो अधिकारियों को लगा कि ये पैसे ग्राहकों को वापस किया जाना चाहिए। दरअसल, यह रकम अनुचित तरीके जमा किए गए और इस प्रक्रिया में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के नियमों का भी उल्लंघन हुआ।
एयरटेल पेमेंट बैंक की चालाकी तब पकड़ में आई जब यूआईडीएआई ने एक ग्राहक की शिकायत पर जांच शुरू की। शिकायतकर्ता का आरोप था कि भारती एयरटेल ने बिना उसकी सहमति से न केवल बैंक अकाउंट खोल दिया बल्कि ऐसी व्यवस्था कर दी कि एलपीजी सब्सिडी की रकम इसी में जमा होने लगा।
एक अधिकारी ने कहा कि ग्राहकों के 167 करोड़ रुपये उनके नॉर्मल बैंक अकाउंट्स में जमा हो जाएं, यह सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को पेमेंट बैंक्स और वॉलिट्स में सब्सिडी की रकम जमा करना बंद करना चाहिए क्योंकि यूआईडीएआई की जांच में कुछ मामलों में कुकिंग गैस सब्सिडी को ग्राहकों से बिना पूछे एयरटेल पेमेंट बैंक्स में जमा कर दिए गए जबकि उन्होंने अपने नॉर्मल बैंक अकाउंट्स में सब्सिडी लाने के लिए आधार लिंक किए थे।
मामले की जांच के बाद यूआईडीएआई ने अपने अंतरिम आदेश में भारती एयरटेल और एयरटेल पेमेंट्स बैंक को सिम कार्ड्स और बैंक अकाउंट्स का आधार लिंक्ड ई-केवाईसी वेरिफिकेशन रोक दिया। यूआईडीएआई ने पाया कि आधार ई-केवाइसी के जरिए मोबाइल वेरिफिकेशन के दौरान एयरटेल रिटेलर्स एयरटेल पेमेंट बैंक में खाते भी खोल रहे थे।
साभार- टाईम्स ऑफ इंडिया से