देश भर में इन दिनों राष्ट्रीयता का मुद्दा छाया हुआ है, लेकिन जयपुर में कुछ ऐसा हुआ जिसने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है. जयपुर में गीता पर संस्कृत में निबंध लिखने की प्रतियोगिता में 16 साल के नदीम खान को विजेता चुना गया. प्रतियोगिता में नदीम के अलावा दो अन्य मुस्लिम छात्राएं जहीन और जोराबिया भी विजेता बनीं. एक तरफ राजस्थान में जहां मुस्लिम युवाओं के खिलाफ रोज नई हिंसा की खबरें आ रही हैं वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम बच्चों का संस्कृत भाषा और गीता से ऐसा लगाव अपने आप में अनूठा है. सभी विजेताओं को आज (बुधवार) को अवॉर्ड दिया जाएगा.
अक्षय पात्र फाउंडेशन की तरफ से आयोजित की गई प्रतियोगिता में दूसरी कक्षा की जहीन नकवी और चौथी क्लास की जोराबिया नागोरी ने गीता श्लोकों का पाठ कर टॉप पोजिशन प्राप्त की. प्रतियोगिता, में 200 स्कूलों के करीब 8000 बच्चों ने भाग लिया था.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक सरकारी स्कूल की 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले नदीम खान एक मजदूर के बेटे हैं और संस्कृत से उन्हें खास लगाव है. उन्होंने बताया, ‘बाकी भाषाओं में संस्कृत मुझे ज्यादा पसंद है. यह मुझे कभी भी अजीब नहीं लगी जबकि मुझे पता है कि इस भाषा में बातचीत का मौका मुझे शायद ही कभी मिलेगा.’ उन्होंने आगे कहा कि प्रतियोगिता के जरिए मुझे इस भाषा के लिए अपना समर्पण दिखाने का मौका मिला. मेरी संस्कृत क्लास में टीचर भी कभी संस्कृत भाषा का प्रयोग नहीं करते. उनके अनुसार सिर्फ संस्कृत लिखने में ही फोकस करें. इस वजह से मैं स्पष्ट रूप से संस्कृत में बात नहीं कर पाता हूं.’
नदीम ने बताया कि वह अवॉर्ड फंक्शन में उपस्थित नहीं रह पाएंगे. उन्हें परीक्षा में बैठना है इसलिए अवॉर्ड लेने के लिए उनके माता पिता जाएंगे. अक्षय पात्र फाउंडेशन ने गीता पर 3 प्रतियोगिताएं आयोजित की थीं. जिसमें राजस्थान के 200 स्कूलों के 8000 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया.