जी मीडिया’ के प्रधान संपादक सुधीर चौधरी का कहना है कि आजकल की पारंपरिक मीडिया लुटियंस जोन के पत्रकारों के नियंत्रण में है। ऐसे में वह मीडिया जगत में खुद को एक बाहरी व्यक्ति के रूप में देखते हैं।
संतुलित पत्रकारिता को लेकर हाल ही में हुए ‘जेएलएफ सेशन’ में सुधीर चौधरी का कहना था, ‘मेरे दर्शक ही मेरे लिए सर्वोच्च न्यायालय है, जो मेरे काम का बेहतर तरीके से आकलन करते हैं।’
इस अवसर पर सुधीर चौधरी का कहना था कि स्वतंत्रता मिलने से पहले से लेकर जब अखबार स्वतंत्रता संगाम में अहम भूमिका निभाते थे, तब से लेकर अब तक वे (अखबार) कभी भी निष्पक्ष नहीं रहे हैं।
उनका कहना था, ‘यह सब अपनी-अपनी सुविधा की बात है। जब कोई स्टोरी किसी के पक्ष में छप जाती है, तो इसे ऑब्जेक्टिव समझा जाता है जबकि आलोचनात्मक स्टोरी पर पक्षपाती होने का टैग लगा दिया जाता है।’
कार्यक्रम में चौधरी ने कहा कि वह ऐसे पत्रकारों से अलग हटकर कंटेंट देने का प्रयास कर रहे हैं, जिनकी रुचि पद्मभूषण अथवा पद्मश्री अवॉर्ड पाने में है। उनकी कोशिश है कि उनकी खबरों के जरिए लोगों के समक्ष सही तथ्य आ सकें। आखिर में सुधीर चौधरी ने दर्शकों को जो सलाह देते हुए कहा कि जब आप अखबार पढ़ना बंद कर देते हैं अथवा प्राइम टाइम न्यूज और डिबेट को देखना रोक देते हैं तो आपको भारत वाकई काफी खूबसूरत देश लगने लगेगा।