राज्यसभा में बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी के निजी विधेयक गौ संरक्षण विधयेक, 2007 पर को दो घंटे तक लंबी और मजेदार चर्चा हुई। इस दौरान बीजेपी के एक सांसद ने कहा कि गाय के मूत्र में औषधीय गुण हैं और इससे कैंसर का इलाज हो सकता है। वहीं समाजवादी पार्टी के सांसद ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को विचार करना चाहिए कि जिन देशों में बीफ खाया जाता है, उनसे अपने राजनयिक संबंध नहीं रखे। गुजरात से भाजपा के सांसद शंकरभाई वेगड़ ने राज्यसभा में कहा कि गोमूत्र के सेवन ने 76 साल की उम्र में ना सिर्फ उन्हें तंदरुस्त रखा है बल्कि इसके इस्तेमाल से उनके पिता का कैंसर भी ठीक हो गया। वेगड़ ने कहा, “10 सालों से मैं गोमूत्र पी रहा हूं, मैं गोमूत्र की 10 मिलीलीटर मात्रा को गुनगुने पानी में मिलाता और पीता हूं इसके बाद दोपहर तक कुछ नहीं खाता हूं, मैं अब 76 साल का हूं और मुझे कोई बीमारी नहीं है, मैं इसका जीता-जागता उदाहरण हूं।” उन्होंने कहा कि अगर किसी को कैंसर की बीमारी है और वह प्रांरभिक अवस्था जैसे कि स्टेज वन या स्टेज टू में है तो गोमूत्र के सेवन से ठीक हो सकता है, और उन्होंने अपने पिता को ठीक होते हुए भी देखा है।
सपा के जावेद अली खान ने गाय को तत्काल राष्ट्रीय पशु घोषित करने की मांग की। गायों के साथ दुर्व्यवहार होने की चर्चा करते हुए उन्होंने मांग की कि यह जांच होनी चाहिए कि कोई गाय, मांस के व्यापारी के पास कैसे पहुंची। जावेद अली खान ने नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि पीएम ने दुनिया के कई नेताओं को गले लगाया, जिनमें अमेरिका के राष्ट्रपति, इजरायल के प्रधानमंत्री शामिल हैं। जावेद अली खान ने कहा, “सरकार को इन देशों से संबंध समाप्त करने लेने चाहिए क्योंकि ये देश बीफ का इस्तेमाल करते हैं, हमें इजरायल और अमेरिका को चेतावनी देनी चाहिए कि यदि आप हमसे प्यार करते हैं तो हमारी संस्कृति से भी प्यार करें, हमें अमेरिका से दोस्ती क्यों रखनी चाहिए? यदि आप बीफ खाते हैं तो हमारे दुश्मन हैं, यदि आप बीफ का व्यापार करते हैं तो आप हमारे दुश्मन हैं।” इसके बाद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि गाय हमारे लिए आदर का विषय है तथा इतनी गंभीर चर्चा को मजाक का विषय बनाया जा रहा है। उनकी इस टिप्पणी पर सपा के नीरज शेखर और कांग्रेस के जयराम रमेश सहित कई सदस्यों ने आपत्ति जतायी और उसे सदन की कार्यवाही से बाहर करने की मांग की। लेकिन उपसभापति ने उनकी आपत्ति को खारिज कर दिया।चर्चा में भाग लेते हुए भाकपा के डी राजा ने विधेयक का विरोध किया और कहा कि गाय का इस्तेमाल नफरत, हत्याएं आदि के लिए नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गाय के नाम पर देश पहले ही बहुत कुछ सह चुका है। उन्होंने कहा कि गौ सुरक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा लोगों की पीट पीट कर हत्या जैसी घटनाएं भी हुयीं।
बता दें कि यह राज्यसभा में बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने लाया था। हालांकि कृषि मंत्री के अनुरोध पर अपना निजी विधेयक वापस ले लिया। स्वामी ने कहा कि वह देशी गायों के संरक्षण के बारे में ठोस कदम उठाने के लिए सरकार को आखिरी मौका दे रहे हैं। इससे पहले सदन में कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने राज्यसभा में कहा कि सरकार देसी गायों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है। राधामोहन सिंह ने कहा कि स्वदेशी गायों के संरक्षण और उनकी नस्लों के विकास को वैज्ञानिक विधि से प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय गोकुल मिशन की शुरुआत की गयी है। यह मिशन राष्ट्रीय पशु प्रजनन एवं डेयरी विकास कार्यक्रम पर आधारित परियोजना है। उन्होंने कहा कि गायों पर ध्यान देने के लिए गोकुल ग्राम योजना भी शुरू की गयी है और किसानों को जागरूक किया जा रहा है। गाय को देश के जीवन के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए रीढ़ की हड्डी है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में संकर और दुधारू पशुओं पर ध्यान दिया गया लेकिन यह सरकार देसी गायों के लिए संरक्षण के लिए भी प्रतिबद्ध है।
साभार- इंडियन एक्सप्रेस से