रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने कोलकोता में कहा कि साझेदारों को आमंत्रित कर रेलवे स्टेशनों की स्थिति सुधारने पर केन्द्रित एक नई नीति का रेलवे जल्द ही ऐलान करेगी. श्री प्रभु ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हम स्टेशनों के विकास के लिए जल्द ही एक नई नीति लाएंगे. इसके लिए साझेदार आमंत्रित किये जाएंगे.’’ रेल मंत्री ने हालांकि इस बारे में कोई ब्यौरा नहीं दिया कि साङोदार कौन लोग होंगे. बाद में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘ऐसे साझेदार जो स्टेशनों के विकास से जुडा कामकाज देख सकें क्योंकि स्टेशनों को विकसित करने की प्रचुर संभावनाएं हैं.’’
उन्होंने कहा कि यदि हमें स्टेशनों के विकास के लिए इच्छुक साझेदार मिलते हैं तो यह स्वागत योग्य बात है. रेलवे को उन अनावश्यक प्रतिबंधात्मक प्रक्रियाओं से बाहर आना होगा, जो उसके विकास को प्रभावित कर रही है.
श्री प्रभु ने कहा कि रेलवे में निवेश की भारी कमी है. ‘‘हमें ठीक वैसा ही करना चाहिए, जैसा चीन ने किया है. चीन ने रेलवे नेटवर्क के विकास में भारी निवेश किया है. रेलवे को काफी अधिक निवेश करना होगा.’’ उन्होंने बताया कि इससे विश्वस्तरीय कार्गो आवागमन नेटवर्क बनाने में मदद मिलेगी. अगले पांच साल के दौरान 8 . 5 लाख करोड रुपये निवेश की योजना है.
श्री प्रभु ने बताया कि रेलवे राज्य सरकारों को भी संयुक्त उपक्रम कंपनियों की स्थापना के लिए आमंत्रित कर रही है. ‘‘इस संबंध में हमने 20 राज्य सरकारों के साथ समझौते किये हैं. हम अब सभी राज्य सरकारों से आग्रह कर रहे हैं कि वे भी समझौते करें.’’