Friday, November 22, 2024
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सरकार घबराई, कोई एंकर स्डुडिओ में बाथटब में डूबकर न मर जाए

श्री देवी की मौत की खबर और वह भी बाथरुम में बाथ टब में डूबने की खबर से देश की सुरक्षा एजेंसियों में भी हड़कंप मच गया है। इसका कारण है टीवी पर एंकर और एंकरनियों द्वारा मौत का सीन क्रिएट करने को लेकर किए जा रहे प्रयोग हैं। खबरिया चैनलों ने इस मौत को सनसनी बनाने के लिए स्टुडिओ में बाथरुम भी बना लिये हैं और एंकर व एंकरनियाँ चटखारे ले-लेकर जिस तरह से इस मौत की खबर का वर्णन कर रहे हैं इससे देश की सुरक्षा एजेंसियाँ और सरकारी तंत्र सतर्क हो गया है।

एक खुफिया अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि सरकार को डर है कि कहीँ टीआरपी के चक्कर में कोई एंकरनी बाथरुम में कूदकर आत्महत्या न कर ले। खबरिया चैनलों पर जिस तेजी से और जिस तरह से श्री देवी और बाथरुम को लेकर ऩए नए खुलासे किए जा रहे हैं, उसके सुरक्षा एजेंसियाँ भी चौंक गई है। उधर दुबई की होटल जुमैरा एमिरेट टॉवर्स का का मालिक भी घबरा रहा है कि कहीं भारत के टीवी चैनल उसके होटल में घुसकर उस कमरा नंबर 2201 के बाथरुम का लाईव कवरेज न दिखाने लगे। इसलिए डर के मारे उस होटल में किसी भी भारतीय को नहीं ठहरने दिया जा रहा है। उनको डर है कि कहीं कोई चैनल वाला आम आदमी बनकर खुफिया कैमरा लेकर उस बाथरुम तक नहीं पहुँच जाए।

इधर चैनल वाले इस बात से खुश हैं कि उन्होंने श्री देवी की मौत को एक तमाशा बना दिया, उनका कहना था कि लोग मनोरंजन चाहते हैं और हमने सोचा कि मौत को मातम की जगह मनोरंजन की तरह परोसा जाएगा तो लोगों का टाईम पास भी हो जाएगा और हमारी टीआरपी भी चलती रहेगी।

इधर कुछ विशेषज्ञों ने इस बात पर डर जताया है कि आने वाले दिनों में अगर कोई बड़ा आदमी फाँसी लगा ले तो चैनल वाले स्टुडिओं में फाँसी का फंदा लगाकर फाँसी का लाईव कवरेज न दिखाने लगे। इस पर एक अन्य खुफिया अधिकारी का मानना था कि ऐसी नौबत कभी नहीं आएगी क्योंकि कोई बड़ा आदमी कितने ही घोटाले, बेईमानी, लूट कुछ भी कर ले फँस जाए तो भी फाँसी नहीं लगाता है। क्योंकि उसको इस देश की कानून व्यवस्था से लेकर भ्रष्ट नेताओं, मंत्रियों और अधिकारियों पर इस बात का पूरा विश्वास रहता है कि उनके रहते उसका बाल भी बाँका नहीं होगा। रही बात आम आदमी या किसी किसान के फाँसी लगाकर मरने के लाईव कवरेज दिखाने की तो, इसकी नौबत कभी नहीं आएगी। क्योंकि आम आदमी की फाँसी दिखाने पर खबरिया चैनलों को टीआरपी नहीं मिलेगी। और दूसरा आम आदमी या किसान इसलिए आत्महत्या करता है कि उसका व्यवस्था, नेता, मंत्री और अफसरों से भरोसा उठ गया होता है। अगर वह भी नीरव मोदी, माल्या आदि इत्यादि की तरह देश के कानून आदि इत्यादि पर भरोसा रखे तो उसके आत्महत्या करने की नौबत ही नहीं आए।

इधर कुछ मनोवैज्ञानकों का कहना है कि खबरिया चैनलों ने जिस तरह से श्रीदेवी की मौत की खबर चलाई है उसको लेकर डर था कि कहीँ ये खबरें देखकर आम लोग आत्महत्या न करने लगे, लेकिन ऐसा इसलिए संभव हुआ क्योंकि लोग आजकल टीवी की खबरों को मनोरंजन का विषय समझते है, गंभीरता का नहीं।

(इस व्यंग्य को इतनी ही गंभीरता से लें, जितनी गंभीरता से खबरिया चैनलों की खबरों को लेते हैं)

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