रायपुर।अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में छत्तीसगढ़ के दो नक्सल हिंसा पीड़ित जिलों – दंतेवाड़ा और जशपुर को राष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ की दो ग्राम पंचायतों – कर्माहा (जिला-सरगुजा) और टेमरी (जिला रायपुर) को भी अक्षर भारत राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा। इस प्रकार छत्तीसगढ़ को आज राष्ट्रीय स्तर के चार पुरस्कार प्राप्त हुए। उल्लेखनीय है कि आज के समारोह में देश के विभिन्न राज्यों को कुल ग्यारह राष्ट्रीय पुरस्कार दिए गए। इनमें से चार पुरस्कार छत्तीसगढ़ को मिले।
श्री नायडू ने कहा कि छत्तीसगढ़ एक नया राज्य है, जो हर क्षेत्र में तेजी से तरक्की कर रहा है। साक्षरता के क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ की तरक्की सराहनीय है। उन्होंने कहा कि पूरे देश को वर्ष 2022 तक शत-प्रतिशत साक्षर बनाने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सबकी भागीदारी बहुत जरूरी है। इस अवसर पर केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राष्ट्रीय स्तर की इन उपलब्धियों के लिए दंतेवाड़ा और जशपुर जिले की जनता, वहां के साक्षरता अभियान से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों और अक्षर सैनिकों को तथा दोनों ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों तथा पंच-सरपंचों को बधाई दी है।
समारोह में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले का राष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कार जिला पंचायत दंतेवाड़ा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. गौरव सिंह ने और जशपुर जिले का पुरस्कार वहां की जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी दीपक सोनी ने ग्रहण किया। ग्राम पंचायत कर्माहा (जिला सरगुजा) का पुरस्कार वहां की जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनुराग पाण्डेय ने और ग्राम पंचायत टेमरी (जिला-रायपुर) का पुरस्कार वहां की सरपंच तिजिया बंजारे ने ग्रहण किया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के चारों जिलों की लोक शिक्षा समितियों के परियोजना अधिकारी भी उपस्थित थे।
अधिकारियों ने इस मौके पर बताया कि नक्सल हिंसा पीड़ित दंतेवाड़ा जिले में साक्षर भारत अभियान के तहत सर्वेक्षित 80 हजार 208 लोगांे में से 78 हजार से ज्यादा लोग साक्षर हो चुके हैं। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. गौरव सिंह ने बताया कि दंतेवाड़ा जिला जेल के सभी 732 कैदी भी इस अभियान से जुड़कर पूर्ण साक्षर हो चुके हैं और दंतेवाड़ा जिला शत-प्रतिशत साक्षर जेल की श्रेणी में शामिल हो गया है। जिला प्रशासन ने दंतेवाड़ा जिले के लौह अयस्क खदान क्षेत्र किरंदुल में औद्योगिक श्रमिकों के बीच भी साक्षरता अभियान चलाया। जिले में डिजिटल साक्षरता पर भी विशेष रूप से बल दिया जा रहा है। बहुत जल्द वहां के सभी 78 हजार से ज्यादा नव साक्षरों के नाम और उनके फोटो तथा निवास के पते वेबसाईट पर पब्लिक डोमेन में प्रदर्शित कर दिए जाएंगे। इस जिले में आखर झापी के माध्यम से लोगों को डिजिटल साक्षर बनाने का भी प्रयास किया जा रहा है। जशपुर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी दीपक सोनी ने बताया कि मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन योजना के तहत नव साक्षरों को कौशल प्रशिक्षण से जोड़कर रोजगार दिलाने और जिले में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने पर जशपुर जिले को राष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कार के लिए चुना गया है।