Sunday, November 24, 2024
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इस आयुर्वेदिक चिकित्सालय में जन्म देने वाली माँ और बच्चे की जान नहीं जाती

सरकारी अस्पतालों में प्रसव के दौरान मां या बच्चे की मौत होना जहां सरकारों के लिए बडी समस्या बना हुआ है, वहीं जयपुर में चल रहे राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान ने इस मामले में उम्मीद की किरण दिखाई है।

यहां पिछले तीन वर्ष के दौरान प्रसव में एक भी महिला या बच्चे की मौत नहीं हुई है। इतना ही नहीं लगभग 80 प्रतिषत प्रसव सामान्य ढंग से कराए गए है। संस्थान अपनी इस उपलब्धि को अंतरराष्ट्रीय जर्नल में भेजने की तैयारी कर रहा है।

जयपुर में माधो विलास के नाम से पहचाने जाने वाला यह संस्थान राष्ट्रीय स्तर का है। आम तौर पर लोग प्रसव के लिए आयुर्वेद संस्थानों में नहीं जाते हैं। इसके बावजूदद यहां पिछले तीन साल में औसतन सवा सौ प्रसव हुए है और इनमें से औसतन 95 प्रसव नार्मल कराए गए है।

 

संस्थान की स्त्री व स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुशीला शर्मा का कहना है कि यहां आने वाली महिलाओ को आयुर्वेद के अनुसार पूरे नौ माह तक आयुर्वेद के हिसाब से परिचर्या का पालन कराया जाता है। इसके अलावा अस्पताल में भी पूरी तरह पौष्टिक आहार दिया जाता है।

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