बैंगलुरु। कर्नाटक सरकार के अवकाश-प्राप्त अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री चिरंजीव सिंह जी की अध्यक्षता में बैंगलुरू के सुप्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. प्रभाशंकर प्रेमी जी को इक्कीस हजार रुपये राशि का “पिताश्री गोपीराम गोइन्का हिन्दी-कन्नड़ अनुवाद पुरस्कार” से जितेन्द्रनाथ सान्याल जी की कृति “अमर शहीद सरदार भगतसिंह” के कन्नड़ अनुवाद के लिए दिया गया। इसके साथ ही इक्कीस हजार रुपये राशि का “बालकृष्ण गोइन्का अनूदित साहित्य पुरस्कार” इस वर्ष डॉ. एम. बालसुब्रह्मण्यन जी की मूल कृति “भारतीय साहित्य के निर्माता कवि कण्णदासन” के हिन्दी में अनुवाद के लिए चेन्नई निवासी डॉ. पी.के. बालसुब्रह्मण्यन जी को दिया गया। इक्कीस हजार रुपये राशि का “सत्यनारायण गोइन्का अनूदित साहित्य पुरस्कार” इस वर्ष तुलसीदास जी द्वारा रचित “रामचरित मानस” के मलयालम में पद्यानुवाद के लिए
तिरवनन्तपुरम निवासी डॉ. सी.जी. राजगोपाल जी को दिया गया।
इक्कीस हजार रुपये राशि का “बाबूलाल गोइन्का हिन्दी साहित्य पुरस्कार” इस वर्ष कोच्ची निवासी डॉ. के.वनजा जी को उनकी मूल हिन्दी कृति “इको-फेमिनिज़्म” के लिए दिया गया। उपरोक्त सभी साहित्यकारों को इक्कीस हजार रुपये नगद के संग प्रतीक-चिन्ह, शॉल, श्रीफल एवं पुष्पमाला प्रदान कर पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया।
पुरस्कार समारोह रविवार दिनांक 8 अप्रैल 2018 को “गांधी भवन” बेंगलूरू में आयोजित था। इस अवसर पर कमला गोइन्का फाउण्डेशन के प्रबंध न्यासी श्री श्यामसुन्दर गोइन्का ने स्वागत भाषण एवं संस्था का परिचय दिया। समारोह का संचालन डॉ. आदित्य शुक्ल जी ने किया और धन्यवाद-ज्ञापन श्रीमती सरोजा व्यास ने किया।