नई दिल्ली : देश की सभी अदालतों की कार्यवाही का क्या लाइव प्रसारण हो सकेगा. इस मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका पिछले दिनों दायर की गई थी. सोमवार को कोर्ट ने इस मसले पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डी वाय चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा, अगर हम लाइव प्रसारण की व्यवस्था की ओर जाएं तो इसे पहले एक कोर्ट से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जाए. उसके बाद उसे देश की दूसरी कोर्ट में लागू कर दिया जाए.
इस मामले में केंद्र सरकार ने मांग का समर्थन करते हुए कहा कि इसकी शुरुआत सुप्रीम कोर्ट से ही होनी चाहिए. एटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि लोकसभा और राज्यसभा टीवी की तर्ज पर सरकार सुनवाई के लिए एक चैनल ही स्थापित करेगी.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन, एटार्नी जनरल और याचिकाकर्ताओं से सुझाव मांगे कि इस व्यवस्था को किस तरह लागू किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर देश भर की सभी अदालतों की कार्यवाही की लाइव प्रसारण की अनुमति दिए जाने की मांग की गई है, ताकि जो लोग कोर्ट नहीं आ पाते, वो अपने केस में क्या हुआ? इसे लाइव देख सके. मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद होगी.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान कहा, इससे पारदर्शिता आएगी. हर किसी को अपने केस के संबंध में जानकारी मिल सकेगी. उन्होंने कहा, अगर मैं कोर्ट में उपस्थित नहीं हो पाता हूं तब भी मैं ये जान सकूंगा कि यहां क्या हुआ.