रायपुर। छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामण्डलम् के अध्यक्ष स्वामी परमात्मानंद ने बताया कि संस्कृत शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विद्धानों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 से सम्मान करने की श्रृंखला प्रारंभ की गई है, जिसमें संस्कृत में गद्य-पद्य अथवा चंपू रचना के लिए ‘महर्षि वाल्मीकि सम्मान‘, संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए ‘ऋस्यऋंग सम्मान‘, संस्कृत पाठशालाओं में संस्कृत शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अध्यापक के लिए ‘लोमश ऋषि सम्मान‘ राज्य स्तर की संस्कृत विदूषि के लिए ‘कौशिल्या सम्मान‘ तथा संस्कृत विद्यामण्डलम् को व्यापक स्तर पर बौद्धिक सहयोग प्रदान करने वाले अखिल भारतीय स्तर के संस्कृत विद्धान को ‘महर्षि वेदव्यास सम्मान‘ से सम्मानित किया जाता है।
संस्कृत विद्यामण्डलम् के सचिव श्री सुरेश कुमार शर्मा ने बताया कि इच्छुक आवेदकों को 25 जुलाई 2018 तक संबंधित सम्मान के लिए अपना सम्पूर्ण विवरण सहित, न्यू राजेन्द्र नगर स्थित संस्कृत विद्यामण्डलम् के कार्यालय में जमा करना होगा। प्रस्ताव का विवरण विद्यामण्डलम् की वेबसाइट बहेंदेातपजउंदकंसंउण्बीवपबमण्हवअण्पद पर भी देखा जा सकता है तथा कार्यालय के दूरभाष: 0771-4001733 पर सम्पर्क कर जानकारी प्राप्त की जा सकती है।