रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि फंड के अभाव से जूझ रहा रेलवे अपने सुधार और विस्तार की प्रक्रिया में है और अगले पांच साल में इसमें 120 अरब डॉलर (करीब 76,33,97,40,00,000 रुपये) का निवेश किया जाएगा। रेल मंत्री ने आईआईटी और राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय एवं लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के छात्रों और पूर्व छात्रों के एक समूह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि रेलवे में कई चुनौतियां हैं जिनका समाधान किए जाने की जरूरत है। प्रभु ने कहा, 'हमारे सामने बड़ी चुनौतियां हैं और हमें इसका समाधान निकालना है। लेकिन, सवाल यह है कि इसे कैसे किया जाए।' उन्होंने कहा, 'रेलवे में पिछले 20-25 साल में कोई निवेश नहीं हुआ है। अगले पांच साल में 120 अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा।'
भारतीय रेलवे में युवा सोच को शामिल किए जाने के इरादे से रेल मंत्री ने रेलवे में यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए अभिनव विचार आमंत्रित किए। ट्रेनों में बिना टिकट यात्रा की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, 'बिना टिकट यात्रा को रोका जा सकता है। इसे कैसे किया जाए? क्या आप इसका कोई पुख्ता समाधान खोज सकते हैं?'
रेल मंत्री ने कहा कि ये सब चुनौतियां हैं और इनके समाधान के लिए युवा सोच को शामिल किया जाना चाहिए। ये रोजमर्रा की समस्याएं हैं और हमें समाधान की जरूरत है। उत्तर रेलवे में 2013-14 में 19 लाख से अधिक यात्रियों ने बिना टिकट या अनुचित टिकट के साथ यात्रा की और इस लिहाज से उत्तर रेलवे सबसे ऊपर रहा। रेल मंत्री ने कहा कि यातायात के अन्य साधनों की अपेक्षा ट्रेन का टिकट सस्ता है। इसलिए बिना टिकट यात्रा को स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि अच्छे विचार पेश करने वालों के लिए रेलवे की ओर से पुरस्कार की घोषणा की जाएगी।
साभार- इकॉनामिक टाईम्स से