रेलवे में तमाम प्रयासों के बावजूद साफ सफाई अब भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है. आमतौर पर यात्रा करने वाले लोगों की ट्रेनों के अंदर सफाई को लेकर हमेशा शिकायत रहती है. खाने को लेकर हम अक्सर शिकायतें सुनते रहते हैं. अब तक इस दिशा में कोई कारगर पहल नहीं दिखाई दी है. लेकिन अब रेलवे इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है. इससे आरक्षित वर्ग के डिब्बों में कम से कम सफाई में बड़ी कामयाबी मिलने की बात कही जा रही है.
विमान परिचारकों की तरह ही रेलवे के कैटरिंग कर्मी अब सभी ट्रेनों में भोजन के बाद कचरा एकत्रित करने के लिए यात्रियों के पास कचरे का थैला लेकर जाएंगे. यह निर्देश रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी ने अधिकारियों को दिया है. रेलवे यात्रियों को एयरलाइन जैसी सुविधा प्रदान करने के लिए बड़ी तेजी से एयरलाइन मॉडल अपना रहा है, जिसमें एयरलाइन के भोजन से लेकर वैक्यूम टायलट शामिल है. लोहानी ने गत 17 जुलाई को मंडल स्तर के अधिकारियों और बोर्ड सदस्यों के साथ एक बैठक में कहा कि ट्रेन में सफाई बनाये रखने के लिए पैंट्री कर्मी यात्रियों को भोजन परोसे जाने के बाद कचरा एक थैले में एकत्रित करें जैसा कि विमानों में होता है.
एक अधिकारी ने कहा, ‘यात्री आमतौर पर भोजन करने के बाद प्लेट अपनी सीटों के नीचे रख देते हैं और पैंट्री कर्मी प्लेट को एक पर एक रखकर ले जाते हैं. कभी कभी प्लेट में बचा हुआ खाना कोच के फर्श पर भी गिर जाता है. इसके साथ ही यात्री केले के छिलके, पैकेट और ऐसी अन्य चीजें सीट या फर्श पर रख देते हैं.’
अधिकारी ने कहा, ‘इस व्यवस्था के तहत पैंट्री कर्मी विमानों की तरह प्रत्येक यात्री के पास एक थैला लेकर जाएंगे और यात्री उसमें अपनी प्लेट और अन्य कचरा उसमें रख सकते हैं.’ लोहानी ने कहा कि ऐसी ट्रेनों, जिनमें कोई पैंट्री नहीं है सफाई कर्मी कचरा एकत्रित करने के लिए ऐसे थैले रखें. उन्होंने कहा कि कैटरर के साथ नियमित ठेके में अब कचरा थैले को भी शामिल किया जाएगा.