समझना होगा, दुनिया की चाल को,
बदलना होगा, खुद से अपने हालात को।
ठोकर खाकर ही इंसान संभलता है,
ठोकर समझकर ही, भूलना होगा हर हार को।
कायनात सारी मिल जायेगी,………………………………..
डरों को दबाना होगा, हौंसला दिखाना होगा,
चाहिए, तुम्हें सब, तो तुम्हे खुद को ही… हराना होगा।
तोड़नी होगी हर जंजीर, जो रोके तुम्हें बढ़ने से,
सपना पाना है तो, पहले खुद को… सपना दिखाना होगा।
कायनात सारी मिल जायेगी,………………………………..
इंसान वो आग है, जो ठान ले, तो बढ़े चले,
सभी कठिनाईयों को पार कर, तुम्हें ये दिखलाना होगा।
खुद की बेड़ियां हो तुम खुद, खोल दो इन्हें आज,
बस, एक कदम हिम्मत करो, फिर ये जमाना तुम्हारा होगा।
कायनात सारी मिल जायेगी,………………………………..
आज वादा करो खुद से, अब नहीं डरोगे,
बहुत तुमने सह लिया, अब नहीं सहोगे।
जो ठाना है दिल में, वो अब करना जरूरी है……………….
बस, एक शुरूआत जरूरी है
कायनात सारी मिल जायेगी,………………………………..
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दूसरी कविता
खुशी के कारण बहुत मिलेंगे, कभी किसी की खुशी का कारण बनो
खुशी के कारण बहुत मिलेंगे
कभी किसी की खुशी का कारण बनो,
जो बांटोगे वही मिलेगा
दुख बांटो या सुख बांटो।
प्रेरणा दूसरों के जीवन की बनो,
ले सबको साथ आगे बढ़ो,
जब साथ, एक-दूजे का हो,
तो कोई दुख कहां पर ठहरे।
खोलो इंसानियत का खाता,
जिस खाते में हो प्यार भरा,
लुटाओ ये प्यार फिर दुनिया पर,
तब भरता रहे ये, ऐसे ही सदा।
जब तुम सबसे प्यार करो,
और सब आपस में मिलकर रहें,
स्वर्ग यही है जीवन का,
कोई डर दिलों में न फिर रहे।
समाज में रहना जब इंसान को,
तब क्यों न समाज ये उन्नत बने,
बस प्रेम और त्याग की भाषा हो,
मिलजुल कर रहें और आगे बढ़ें।
ऊंच-नीच का न भेद करो,
हर इंसान में है रब बसता,
सोच ये जब आ जायेगी,
स्वर्ग बन जायेगी ये धरा।
खुशी के कारण बहुत मिलेंगे
कभी किसी की खुशी का कारण बनो,
जो बांटोगे वही मिलेगा
दुख बांटो या सुख बांटो।
सीए सुनील गोयल
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