इन दिनों एक स्कूली बच्चे द्वारा सवर्णों पर लिखा गया एक निबंध तेजी से वायरल हो रहा है। इस बच्चे ने इस निबंध के माध्यम से देश की राजनीति की पोल खोलकर रख दी है।
आओ बताता हूँ कि सवर्ण (सामान्य जाति) कौन है ?
इस बच्चे ने सवर्ण को परिभाषित करते हुए लिखा है
जिस व्यक्ति पर एट्रोसिटी_एक्ट 89 के तहत बिना इन्क्वारी के भी कार्यवाई की जा सकती है,वो सवर्ण है।
जिसको जाति सूचक शब्द इस्तेमाल करके बे खौफ गाली दी जा सकती है, वो सवर्ण है!
देश में आरक्षित 131 लोकसभा सीटो और 1225 विधानसभा सीटो पर चुनाव नही लड़ सकता है,लेकिन वोट दे सकता है,वो सवर्ण है
जिसके हित के लिए आज तक कोई आयोग नही बना,वो सवर्ण है
जिसके लिए,कोई सरकारी,योजना ना बनी हो, वो सवर्ण है।
जिसके साथ देश का संविधान भेदभाव करता है,वो सवर्ण है!
मात्र जिसको सजा देने के लिए NCSC और NCST का गठन किया गया वो सवर्ण है!
मात्र जिसे सजा देने के लिए हर जिले में विशेष SCST न्यायालय खोले गए हैं, वो अभागा सवर्ण है!
जो स्कूल, काॅलेजों में अन्य वर्गों के मुकाबले चार गुनी फीस दे कर अपने बच्चों को पढाता है, वो बेसहारा सवर्ण है!
नौकरी, प्रमोशन, घर allotment आदि में जिसके साथ कानूनन भेदभाव वैध है वो बेचारा सवर्ण है!
हमेशा भाजपा का बंधुआ मजदूर रहकर काम करने वाला सवर्ण है
सरकारों व संविधान द्वारा सबसे ज्यादा प्रताड़ित किया जाने वाला सवर्ण है।
सबसे ज्यादा वोट देकर भी खुद को लुटापिटा ठगा सा महसूस करने वाला सवर्ण है
सभाओं में फर्श तक बिछा कर एक अच्छी सरकार की चाह में आपको सत्ता सौंपने वाला सवर्ण है
देश हित मे आपका तन मन धन से साथ देने वाला सवर्ण है।
इतने भेदभाव के बावजूद भी,
धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो,
प्राणियों में सद्भावना हो,विश्व का कल्याण हो
कि भावना जो रखता है,वो सवर्ण है
सवर्णों को कुचलने व तहस नहस करने पर आदरणीय भारत सरकार को करबद्ध नमन ..रहेगा
हम हैं ही इसी लायक ..क्योंकि सबका साथ सबका विकास …और सवर्णो का करो सर्वनाश …
अब आप मुझे कट्टर हिन्दू कहते रहें पर अपने पक्ष को रखना आज मेरी मजबूरी बन गयी है …
समस्त सवर्ण परिवारों की तरफ से भारत सरकार को समर्पित …
व्यथित मन से :
वन्देमातरम ….