आगामी विधानसभा और उसके बाद लोकसभा चुनावों को देखते हुए देश पर चुनावी रंग चढ़ने लगा है। देश में जब भी चुनाव की बात होती है तो एक नाम हमेशा सुर्खियों में आ जाता है और वो देश के पहले मतदाता श्याम सरण नेगी का, भले ही उनकी उम्र 100 वर्ष से अधिक हो गई हो और शरीर साथ न दे रहा हो लेकिन आज भी वो लोगों को प्रेरित करने का काम कर रहे हैं। श्याम सरण नेगी आजाद भारत के सबसे बुजुर्ग वोटर हैं और उन लोगों के लिए एक मिसाल हैं जो अपने वोट की अहमियत को सही से नहीं समझते।
नेगी करीब 16 लोकसभा और 12 विधानसभा चुनावों में अपने मत का इस्तेमाल कर चुके हैं और वो इसे बहुत जरूरी भी मानते हैं। वो हमेशा कहते है कि देश के सभी मतदाताओं को अपने इस अधिकार का प्रयोग जरूर करना चाहिए। कुछ समय पहले मीडिया में उनकी चर्चा उस समय भी हुई थी जब फिल्म ‘सनम रे’ में उन्होंने एक बहुत छोटा सा किरदार निभाया था। इस समय उनकी हालत काफी कमजोर है लेकिन उनकी हिम्मत और हौसला अब भी बरकरार है।
देश में पहली बार लोकसभा चुनाव का आयोजन फरवरी 1952 में किया गया था लेकिन हिमाचल प्रदेश में अक्टूबर 1951 में मतदान किया गया। इसके पीछे कारण था हिमाचल प्रदेश का मौसम, क्योंकि एक बार बर्फबारी शुरू होने के बाद मतदाताओं का मतदान केंद्र पर पहुंचना बहुत मुश्किल हो जाता है। ऐसे में संयोगवश ये मौका 25 अक्टूबर 1951 को श्याम सरण नेगी को मिला।
नेगी एक शिक्षक के रूप में किन्नौर में थे और वहां पर 23 वर्षों की नौकरी के बाद सेवानिवृत हो चुके हैं। नेगी जब भी मीडिया से बात करते है तो उन्हें देश के तरक्की से खुश नजर आते हैं लेकिन उन्हें भ्रष्टाचार की खबरों से काफी दुख पहुंचता है। आपको यह बात थोड़ी हैरानी कर सकती है लेकिन मंडी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले किन्नौर विधानसभा क्षेत्र के कल्प नामक स्थान के इस निवासी ने अपनी जिंदगी में हर बार मतदान में शामिल होने की कोशिश की है।