Monday, November 25, 2024
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Homeखबरेंसंस्कृत के छात्रों ने धोती-कुर्ता पहना तो दीक्षात समारोह में अपमानित किया

संस्कृत के छात्रों ने धोती-कुर्ता पहना तो दीक्षात समारोह में अपमानित किया

उत्तरप्रदेश में वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के 31वें दीक्षांत समारोह में रविवार की दोपहर गाउन पहनकर मेडल न लेने की जिद पर अड़े छात्रों को मंडप से निकाले जाने के बाद जमकर हंगामा हुआ।  प्रशासन की सख्ती से नाराज सर्वाधिक नौ स्वर्ण पदक अपने नाम करने वाले मेधावी सुमन चंद्र पंत समेत बड़ी संख्या में छात्रों ने दीक्षांत समारोह का बहिष्कार कर नारेबाजी शुरू कर दी।  मुख्य भवन के सामने कुछ छात्र धरने पर बैठ गए। उन्होंने महामहिम की फ्लीट के आगे लेटने की कोशिश की तो पुलिस ने रस्सा तानकर उन्हें पुस्तकालय भवन की ओर खदेड़ दिया। अंतत: चार छात्रों ने मेडल नहीं लिया।

इस मामले में छात्रसंघ अध्यक्ष और पुस्तकालय मंत्री को पुलिस थाने ले गई। बाद में चेतावनी देकर उन्हें छोड़ दिया गया।  कुलपति आवास के पास पत्थरबाजी के आरोप में पकड़े गए छात्र से पूछताछ की जा रही है। समारोह में महामहिम के आगमन से पहले ही संचालन कर रहे तुलनात्मक धर्म दर्शन के विभागाध्यक्ष डॉ. रजनीश शुक्ल ने चेताया कि निर्धारित दीक्षांत परिधान में जो छात्र नहीं होंगे, उन्हें स्वर्ण पदक के लिए मंच पर आमंत्रित करना संभव नहीं हो सकेगा।

नौ स्वर्ण पदक जीतने वाले सुमन चंद पंत और रजत पदक की सूची में शुमार विपिन कुमार द्विवेदी के अलावा डिग्री लेने आए उमेश चंद्र शुक्ल, साकेत शुक्ल धोती-कुर्ता में आए थे।  उन्होंने गाउन पहनने से इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि गुलामी के प्रतीक परिधान को पहनकर वे पदक नहीं लेंगे। पारंपरिक परिधान धोती-कुर्ता में ही उन्हें पदक दिया जाए।  इन छात्रों की जिद तोड़वाने के लिए कुलसचिव राकेश मालापाणि, चीफ प्राक्टर केदारनाथ त्रिपाठी, निदेशक प्रकाशन पद्माकर मिश्र समेत कई अधिकारियों की कोशिश बेकार गई।  

अंतत: एडीएम सिटी मंगला प्रसाद मिश्र और एसपी सिटी राहुल राज जब गाउन न पहनने वाले छात्रों को दीक्षांत मंडप से बाहर करने लगे तब छात्र समारोह का बहिष्कार करते हुए मुख्य भवन के पास नारेबाजी करने लगे।   मुख्य भवन के सेफ रूम में जब महामहिम राज्यभपाल और मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति मुकुंद काम शर्मा शिष्ट यात्रा में शामिल होने के लिए गाउन पहन रहे थे तब भी नारेबाजी होती रही।  इस दौरान पत्थर चलने से एक दारोगा के चोटिल होने की बात समाने आई। राज्यपाल जब कुलपति आवास में प्रीतिभोज पर जाने लगे, तभी एसपी सिटी के निर्देश पर छात्रों को पुलिस ने पकड़ लिया।

 

साभार- अमर उजाला से

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