Tuesday, November 26, 2024
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दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा की दस खास बातें

प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी गुजरात के केवडिया में दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा के रूप में सरदार वल्लभभाई पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का उद्घाटन किया। यह समारोह सरदार पटेल की 31 अक्टूबर को जयंती के मौके पर आयोजित की गई। पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा को विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा बताया जा रहा है।

80 फुट के पैर, 70 फुट के हाथ, ऊंचाई 600 फुट – सरदार पटेल की दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा …..

आइये जानते हैं इससे जुड़ी दस खास बातें-

1- पीएम मोदी ने दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी- सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति का अनावरण किया। इसमें गुजरात के मुख्यमंत्री समेत देश और कई राज्यों के नेताओं और अन्य गणमान्य हस्तियां मौजूद थीं।

2- सरदार पटेल की इस मूर्ति को बनाने में करीब 2,989 करोड़ रुपये का खर्च आया। कंपनी के मुताबिक, कांसे की परत चढ़ाने के आशिंक कार्य को छोड़ कर बाकी पूरा निर्माण देश में ही किया गया है।

3- यह प्रतिमा नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध से 3.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कंपनी ने कहा कि रैफ्ट निर्माण का काम वास्तव में 19 दिसंबर, 2015 को शुरू हुआ था और 33 माह में इसे पूरा कर लिया गया।

4- इस मूर्ति बनाने वाली कंपनी लार्सन एंड टुब्रो ने दावा किया कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है और महज 33 माह के रिकॉर्ड कम समय में बनकर तैयार हुई है।

ये भी पढ़ें: PM मोदी के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट ‘Statue of Unity’ के पीछे की कहानी

5- इस स्मारक की आधारशिला 31 अक्तूबर, 2013 को पटेल की 138 वीं वर्षगांठ के मौके पर रखी गई थी, जब पीएम नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

6- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का कुल वजन 1700 टन है और ऊंचाई 522 फिट यानी 182 मीटर है। प्रतिमा अपने आप में अनूठी है। इसके पैर की ऊंचाई 80 फिट, हाथ की ऊंचाई 70 फिट, कंधे की ऊंचाई 140 फिट और चेहरे की ऊंचाई 70 फिट है।

 

 

7- सरदार पटेल की यह मूर्ति राम वी. सुतार की निगरानी में हुई है। राम वी. सुतार को साल 2016 में सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया था। इससे पहले वर्ष 1999 में उन्हें पद्मश्री भी प्रदान किया जा चुका है।

8- सरदार पटेल की मुख्य प्रतिमा बनाने में 1,347 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि 235 करोड़ रुपये प्रदर्शनी हॉल और सभागार केंद्र पर खर्च किये गये।

9- वहीं 657 करोड़ रुपये निर्माण कार्य पूरा होने के बाद अगले 15 साल तक ढांचे के रखरखाव पर खर्च किए किए जाएंगे। 83 करोड़ रुपये पुल के निर्माण पर खर्च किये गये.

10- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान दौरे के दौरान भी भारतीयों से बातचीत के दौरान दुनिया की इस सबसे ऊंची मूर्ति का जिक्र कर चुके हैं। साथ ही उन्हें इस मूर्ति को देखने के लिए आमंत्रित भी कर चुके हैं।

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