उत्तराखंड। उत्तराखंड के चमोली की प्रथम महिला डीएम स्वाति एस.भदौरिया ने अपने दो-वर्षीय पुत्र अभ्युदय को गोपेश्वर गांव के बालवाड़ी (आंगनबाड़ी) केंद्र में दाखिला दिलाकर सार्थक पहल की है।
उनके पति नीतिन भदौरिया उत्तराखंड के अल्मोड़ा में ही कलेक्टर हैं। वह कहती हैं कि समाज व राष्ट्र की मजबूती के लिए आम और खास के बीच की खाई को पाटना जरूरी है। यह तभी संभव है, जब खास समझा जाने वाला वर्ग सभी को साथ लेकर स्वयं समाज का हिस्सा बनेगा। जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने मंगलवार को आंगनबाड़ी केंद्र में अपने पुत्र का दाखिला कराया था।
कहती हैं, समाज का वास्तविक विकास तभी संभव है, जब आम और खास बच्चे एक साथ रहकर जीवन का ककहरा सीखें। फिर बालवाड़ी में तो हिदी व अंग्रेजी दोनों माध्यमों से बच्चों को प्राथमिक ज्ञान दिया जाता है। साथ ही यहां बच्चों के लिए खिलौने, नाश्ता, दोपहर का भोजन और जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां पर टेक होम के जरिए आसपास के बधाों को भी राशन दिया जाता है। इसी को देखते हुए उन्होंने व उनके पति नितिन भदौरिया ने बच्चे को आंगनबाड़ी केंद्र में रखने का फैसला किया।
नितिन वर्तमान में अल्मोड़ा के डीएम हैं। स्वाति ने बताया कि अन्य बच्चों के साथ अभ्युदय भी आंगनबाड़ी केंद्र की दिनचर्या से खुश है। उसने केंद्र में बना भोजन भी किया और अपने टिफिन को सहपाठियों में बांटा। अभ्युदय के पिता नितिन भदौरिया के अनुसार यह निर्णय डीएम माता-पिता का नहीं, बल्कि एक अभिभावक का है।
आंगनबाड़ी केंद्र को देखकर यह लगा कि यहां पर बच्चों के लिए बहुत अच्छा वातावरण है। ग्रुप में रहने से अभ्युदय में तमाम चीजों को समझने का नजरिया विकसित होगा। फिर ईश्वर ने तो सभी बच्चों को बराबर बनाया है। कहा कि एक अभिभावक के रूप में वह बाल कल्याण विभाग की प्रमुख राधा रतूड़ी के आभारी हैं।
साभार- दैनिक जागरण से