दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किम जुंग सूक 4-7 नवंबर तक भारत की यात्रा पर हैं और इस दौरान वह धार्मिक नगरी अयोध्या में विभिन्न त्योहारों में हिस्सा लेंगी. कोरिया की प्रथम महिला के साथ एक उच्च स्तरीय शिष्टमंडल भी भारत आ रहा है. अब यहीं से बड़ा सवाल उठता है कि दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति की पत्नी को अयोध्या के समारोह में मुख्य अतिथि क्यों बनाया जा रहा है?
अयोध्या से ताल्लुक रखने वाली दक्षिण कोरिया की रानी सूरीरत्न (हिव ह्वांग ओक) की याद में वहां की सरकार एक स्मारक अयोध्या में बनाना चाहती है. इस सिलसिले में दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति की पत्नी सूक रानी सूरीरत्न (हिव ह्वांग ओक) स्मारक के भूमि पूजन कार्यक्रम में हिस्सा लेंगी. उल्लेखनीय है कि करीब 2000 वर्ष पहले राजकुमारी सूरीरत्न अयोध्या से थीं और उन्होंने कोरिया की यात्रा की तथा वहां के नरेश किम सूरो से विवाह किया. उसके बाद उन्हें हिव ह्वांग ओक के नाम से जाना जाता है. वे एक जानी मानी गायिका भी हैं।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, ”भारत और दक्षिण कोरिया के बीच विशेष सामरिक गठजोड़ है. वहां के राष्ट्रपति मून जे इन ने जुलाई 2018 में भारत की यात्रा की थी. उनकी यात्रा ने दोनों देशों के संबंधों को नई ताकत प्रदान की.” राजकुमारी सुरीरत्न स्मारक परियोजना के संबंध में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया गया था.
कहा जाता है कि राजकुमारी सूरीरत्न 48 ईस्वी में कोरिया गई थीं. वहां पर उन्होंने एक स्थानीय राजा से शादी की और कराक राजवंश की स्थापना की. चीनी भाषा की कुछ प्राचीन पुस्तकों में दावा किया है कि अयोध्या के राजा को स्वप्न में ईश्वर ने आदेश दिया कि वह अपनी 16 वर्षीया राजकुमारी को दक्षिण कोरिया के शहर गिमहेई भेजें ताकि उनकी शादी वहां के राजा किम सूरो से हो.
दक्षिण कोरिया की कई दंतकथाओं और मिथकों के मुताबिक राजकुमारी सूरीरत्न अयुता (Ayuta) की थीं. इतिहासकारों के मुताबिक अयुता और अयोध्या एक ही नाम हैं. राजा किम सूरो और पत्नी सूरीरत्न के 10 बेटे हुए. कोरिया में किम बहुत ही आम सरनेम है और गिमहेई इलाके में राजा किम सूरो को ही इनका पूर्वज माना जाता है. इतिहासकारों के मुताबिक किम वंश के लोगों की आबादी दक्षिण कोरिया में तकरीबन 60 लाख है. ये दक्षिण कोरिया की कुल आबादी का 10 प्रतिशत है.
दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपतियों किम यांग-साम, किम-डाई जुंग और पूर्व प्रधानमंत्री किम जांग-पिल अपने को कराक वंश से जोड़ते रहे हैं.
भारत और दक्षिण कोरिया ने इसी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक संबंधों को जोड़ने के लिए साल 2000 में अयोध्या और गिमहेई को सिस्टर सिटीज के रूप में विकसित करने के लिए समझौता किया. उसके अगले साल 2001 में 100 इतिहासकारों और सरकारी प्रतिनिधियों ने अयोध्या में सरयू नदी के पश्चिमी तट पर महारानी हिव ह्वांग ओक के स्मारक का शिलान्यास किया. 2016 में एक कोरियाई डेलीगेशन ने यूपी सरकार को इस मेमोरियल को और विकसित करने का प्रस्ताव दिया. उसी कड़ी में दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला उस स्मारक को अपग्रेड करने के भूमि पूजन से जुड़े कार्यक्रम में शिरकत करने आ रही हैं. ये प्रोजेक्ट भारत और दक्षिण कोरिया का साझा प्रोजेक्ट है.